भोपाल। प्रदेश के कांग्रेस की सरकार बनने के बाद दिग्विजय सिंह की भूमिका भी बढऩे वाली है। वे सत्ता और संगठन के बीच समन्वयक की भूमिका निभा सकते हैं। साथ ही विवेक तन्खा का भी कद बढऩे वाला है। सरकार बनने के बाद दिग्विजय सिंह को सत्ता और संगठन में कोई पद नहीं मिलेगा, लेकिन उनके पास पॉवर की रहेगी। वे सत्ता सं���ठन और हाईकमान के बीच समन्वय की भूमिका में रहेंगे और आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देजनर वे संगठन में भूमिका निभाएंगे।
विधानसभा चुनाव में पार्टी हाईकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को पार्टी नेताओं के बीच समन्वयक की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसे उन्होंने बखूभी निभाया। चुनाव में जीत के बाद पार्टी सरकार बनाने जा रही है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में दिग्विजय की अहम भूमिका रही है। क्योंकि 30 से ज्यादा विधायक दिग्विजय सिंह के समर्थक माने जा रहे हैं। इसलिए विधायक दल की बैठक में दिग्विजय की काफी पूछ-परख हो रही है।
लोकसभा की सीट बढ़ाना चुनौती
चार महीने बाद ही लोकसभा का चुनाव है. जो कांग्रेस के लिए सबसे ज्यादा चुनौती वाला है। फिलहाल यहां की 29 में से 26 सीट भाजपा के पास हैं। विधानसभा चुनाव का रिजल्ट बता रहा है कि कांग्रेस ने करीब 14 सीट को कवर कर लिया है। हालात बता रहे हैं कि ऐसे में कमलनाथ किसी कामचलाऊ अध्यक्ष के साथ संगठन चलाने का जोखिम नहीं ले सकते। ताजा राजनीतिक हालात बने हैं वे भी बयां कर रहे हैं कि कमलनाथ के सीएम बनने के बाद दिग्विजय काफी ताकतवर होंगे। कई मुद्दों पर कमलनाथ स्वयं सिंह से राय लेने या मिलने के लिए कह रहे हैं। खास तौर पर प्रशासनिक मामलों में सिंह की राय को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. टीम कमलनाथ में कौन अधिकारी होंगे इसका फैसला सिंह की सहमति के साथ होता दिखाई दे रहा है।