Digvijaya Singh wrote a letter to Sehore collector : दिग्विजय सिंह ने सीहोर जिला कलेक्टर को बुधनी विधानसभा क्षेत्र के आदिवासियों को जमीन के पट्टे नही दिए जाने के संबंध में पत्र लिखकर जानकारी मांगी। उन्होने पूछा है कि बुधनी क्षेत्र में रहने वाले हजारों आदिवासियों को अभी तक वन अधिकार अधिनियम के तहत पट्टे क्यों नहीं दिए गए हैं।
आदिवासियों को जमीन के पट्टों को लेकर दिग्विजय सिंह 23 अगस्त को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के क्षेत्र बरोदा नसरुल्लागंज में जाकर अधिकारियों से मिलेंगे। उन्होने पत्र में लिखा है कि वे जानना चाहेंगे कि क्यों सैकड़ों लोगों के मामले अभी तक लंबित रखे गए हैं? पिछले ही महीने उन्होने इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी एक पत्र भी लिखा था और इस पत्र पर शासन और प्रशासन ने अब तक क्या कार्रवाई की है वो 23 अगस्त को इसका जवाब भी मांगेंगे। वे नसरुल्लागंज स्थित एसडीएम कार्यालय में पहुंचकर इस संबंध में वन विभाग, राजस्व विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों से चर्चा करेंगे।
दिग्विजय सिंह का पत्र
‘मेरे द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश शासन को प्रेषित पत्र क्र. 1429, दिनांक 07.08.2023 की छायाप्रति पत्र के साथ मूलतः संलग्न है। सीहोर जिले के बुदनी विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉक भैरूंदा (नसरूल्लागंज) के अंतर्गत आने वाले ग्रामों के आदिवासी परिवारों को अभी तक वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत अनेक वनवासियों को वन अधिकार पत्र प्रदान नही करने के संबंध में पत्र प्रेषित किया गया था। मेरे द्वारा 24.07.2023 को एक अन्य पत्र भेजकर बुदनी विधानसभा क्षेत्र के अनेक गांवों के भूमिहीनों को सरकार द्वारा दिए गए पट्टे पर अभी तक कब्जे नही दिये जाने के संबंध में भी पत्र लिखा गया था। अभी तक कितने ग्रामों के पट्टाधारी किसानों को कब्जे नही दिये गये है की जानकारी भी प्राप्त करना चाहता हूँ।’
‘वन अधिकार अधिनियम लागू होने की दिनांक से आज दिनांक तक कितने आदिवासी परिवारों को वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत वन अधिकार पत्र प्रदान किये गये, कितने परिवारों के पट्टे के आवेदन निरस्त किये गये तथा कितने परिवार के प्रकरण अभी तक किन कारणों से विचाराधीन है। मेरा आपसे अनुरोध है कि मैं दिनांक 23.08.2023 को भैरूंदा (नसरूल्लागंज) पहुँच कर आपके भैरूंदा स्थित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के कार्यालय में पहुँचकर इस संबंध में जानकारी प्राप्त करना चाहूँगा। कृपया वन अधिकारी सहित संबंधित अधिकारियों को सूचित कर बैठकें आयोजित करने का कष्ट करें। कृपया ग्रामवार लंबित दावों की अद्यतन स्थिति से अवगत कराने का कष्ट करें।’