इस सीट पर क्या काम आएगा दिग्विजय का सियासी दांव

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आगर मालवा| आपको याद होगा विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजयसिंह का वह वायरल वीडियो जिसमे वे ये कहते हुए सुनाई दे रहे थे कि वे सभाओं में भाषण इसलिए नही दे रहे है क्योंकि उनके भाषण देने से कांग्रेस के वोट कटते है ।  अब जबकि मप्र में वोटिंग हो चुकी है तब उन्होंने ही इसका खुलासा करते हुए बताया है कि उनके द्वारा प्रदेश चुनाव में ज्यादा सक्रियता इसलिये नही दिखाई गई क्योकि पार्टी ने ही उन्हे चुनाव में दखल अंदाजी नही करने को कहा था । इन दोनों संदर्भो का यहां हम इसलिए उल्लेख कर रहे है क्योंकि इन सब के बाद भी जब दिग्विजयसिंग आगर मालवा जिले की सुसनेर विधानसभा जो कांग्रेस पार्टी के दृष्टिकोण से उनका ही क्षेत्र माना जाता है में अपने समर्थक कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र परिहार के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करने पहुँचे तो उन्होंने मंच से ही अपनी चित परिचित शैली में अपने आपको “दलित और मुसलमानों का हितेषी बताते हुए यह तक कह दिया कि दिग्विजयसिंह आप दलित और अल्पसंख्यकों की सेवा के लिए ही तो बदनाम है फिर आप क्यो डरते हो जब आपके साथ दिग्विजयसिंह खड़ा है ।” साफ था कि वे अपने इस बयान से इस वर्ग को अपने प्रत्याशी की तरफ आकर्षित करना चाह रहे थे ।

उन्होंने यह बयान उस समय दिया जब इस विधानसभा में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ रहे उनके ही एक अन्य समर्थक गुडु राणा के बीच दिखाई दे रहा था और चुनाव के दौरान अमूमन कांग्रेस का वोट बैंक माने जाने वाला यह वर्ग निर्दलीय गुडु राणा के पक्ष में झुका हुआ दिखाई दे रहा था । हालाकी जैसे ही यह स्टेटमेंट आया उसके बाद चुनाव में मौन दिख रहा स्वर्ण वोट भाजपा प्रत्याशी मुरलीधर पाटीदार की तरफ झुकने लगा था ।

हालांकि अब जब मतदान हो चुका है ऐसे में आने वाले 11 दिसम्बर को ही यह तय हो पाएगा कि दिग्विजयसिंह के इस दाव से सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में जो धुर्वीकरण हुआ है वह कितना कांग्रेस के बागी गुडु राणा को नुकसान पहुंचता है और कितना कमजोर समझे जा रहे भाजपा प्रत्याशी मुरलीधर पदीदार को फायदा या फिर ये दाव क्या वास्तव में दिग्विजय कांग्रेस के प्रत्याशी महेंद्र परिहार को जीतने वाला साबित होगा ।

खैर जो भी हो पर इतना तय है कि यदि दिग्विजयसिंह के इस दाव से कांग्रेस प्रत्याशी जीत गया तो फिर तय मानिए इनकी यह शैली अभी काफी समय तक प्रदेश की जनता को देखने को मिलती रहेगी और यदि यह उल्टा पड़ गया तो आप समझ सकते है कि पार्टी इनको पहले ही चुनावो में दखलंदाजी नही करने का कह चुकि है ।


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