MP News Today : मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मे अधिकारियों ने वित्त विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ा दी। मामला केंद्र प्रवर्तित योजना के तहत बैंक अकाउंट खोलने का है। मध्य प्रदेश सरकार के सर्कुलर को दरकिनार करते हुए विभागीय अधिकारियों ने एक निजी बैंक में अकाउंट खुलवा दिया।अब विभागीय अधिकारियों में ही इस मामले को लेकर अलग-अलग मत सामने आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं को मध्यप्रदेश में अधिकारी किस तरह पलीता लगा रहे हैं, उसका एक और उदाहरण सामने आया है। अभी कुछ दिन पहले ही पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना में भ्रष्टाचार के वीडियो वायरल हुए थे लेकिन दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई और अब नगरीय प्रशासन विभाग में खुद मध्य प्रदेश सरकार वित्त विभाग के एक सर्कुलर को ताक पर रख दिया गया।
ये है पूरा मामला
दरअसल मध्य प्रदेश शासन के वित्त विभाग ने 18 जून 2021 को एक परिपत्र जारी किया था जिसमें साफ लिखा गया था कि केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के बैंक खाते राष्ट्रीय कृत बैंकों में ही खोले जाएं। इस परिपत्र की कंडिका तीन में साफ किया गया था कि किसी भी विभाग द्वारा केंद्रीय योजनाओं के सिंगल नोडल अकाउंट खाते संस्थागत वित्त द्वारा दिनांक 7 नवंबर 2015 को जारी पत्र में दर्शाए बैंकों में ही खोले जा सकेंगे। यह सभी बैंक या तो राष्ट्रीयकृत बैंक थे या सहकारी बैंक। इस सूची में किसी भी निजी बैंक का उल्लेख नहीं किया गया था।लेकिन हाल ही में संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा वित्त विभाग के निर्देशों के विपरीत जाकर निजी बैंक Indusind बैंक में स्वच्छ भारत मिशन का सिंगल नोडल अकाउंट खुलवाया गया है।
खाता खोलने के दिए निर्देश
इस पूरे मामले में जब हमने बैंक के आला अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने नियमों का हवाला देकर बात करने से इंकार कर दिया। वही नगरीय प्रशासन विभाग के वित्त अधिकारी इक्का का कहना है कि वित्त विभाग का यह सर्कुलर, कि राष्ट्रीय कृत बैंकों में ही खाते होनी चाहिए, बिल्कुल सही है और स्वच्छता मिशन का खाता खुलवा के समय भी इस बात का उल्लेख मीटिंग में किया गया था। लेकिन नोडल अधिकारी अवधेश शर्मा ने आखिरकार Indusind बैंक में खाता खोलने के भी निर्देश दिये। एक्का ने यह भी बताया कि इससे पहले इस तरह की किसी भी योजना में किसी भी निजी बैंक में खाता नहीं खोला गया है। वही नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त भरत यादव इसमें कुछ भी गलत नहीं मानते। उनका कहना है कि सिंगल नोडल अकाउंट में खाता खोला जा सकता है लेकिन उस में डिपाजिट नहीं किया जा सकता और ऐसा विभाग पहले भी कर चुका है।
तो सीएम के निर्देशों का क्या
सूत्रों की मानें तो Indusind बैंक में खाता खुलवाने की फाइल पर सात राष्ट्रीयकृत बैंकों की सूची साथ में संलग्न थी जिसे दरकिनार करते हुए आखिरकार निजी बैंक Indusind बैंक को ही चुना गया।अब यह जांच का विषय है कि आखिरकार जब राष्ट्रीय कृत बैंक इस सूची में शामिल थे तो निजी बैंक पर मेहरबानी क्यों।बड़े कर्जे के बोझ से दबे हुए मध्यप्रदेश में वित्तीय मितव्ययता बरतने के लिए मुख्यमंत्री समय-समय पर अधिकारियों को निर्देश देते रहते हैं। लेकिन अगर वित्त विभाग के निर्देशों को ही इस तरह से दरकिनार किया जाएगा तो फिर आखिरकार सीएम के निर्देशों का क्या।