शादी, तलाक और 5 साल बाद फिर उसी लड़की से शादी, जानिए इस अनोखी लव स्टोरी के बारे में

Marrying the same girl again after divorce

Married again to the same girl after divorce : हिंदू धर्म और हिंदुस्तान की संस्कृति में शादी को जन्म जन्मांतर का बंधन माना गया है। इसे दो व्यक्तियों के साथ दो परिवारों का मिलन भी माना जाता है इसलिए मुश्किल से मुश्किल हालात में भी शादी को बनाए और बचाए रखने की कोशिश की जाती है। लेकिन हर रिश्ते में कभी न कभी उतार चढ़ाव आते ही हैं। ऐसे में कुछ लोग तो संभल जाते हैं लेकिन कई शादियों का अंत तलाक पर जाकर भी होता है।

तलाक के बाद फिर एक बार की उसी से शादी

अगर शादी में दो लोग खुश नहीं हैं और आपस में बन नहीं रही है तो अलग होकर अपने अपने जीवन की राह पर चल देना कोई खराब विकल्प नहीं है। तलाक कोई ऐसी चीज नहीं है जिसके बाद जीवन समाप्त हो जाए। लेकिन कई बार कुछ रिश्तों में इतने मोड़ आते हैं और जीवन में ऐसी अप्रत्याशित घटनाएं घट जाती हैं, जिसके बारे में कल्पना करना भी मुश्किल लग सकता है। ऐसा ही कुछ हुआ गाजियाबाद में रहने वाले विनय जायसवाल और उनकी पत्नी पूजा चौधरी के साथ। इन दोनों की शादी 2012 में हुई थी लेकिन वक्त के साथ चीजें बिगड़ने लगी। 2018 में दोनों ने तलाक ले लिया और अपनी अपनी राह पर चल दिए। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि एक बार फिर उनकी राहें जुड़ गईं। इस साल विनय को दिल का दौरा पड़ा और उनकी ओपन हार्ट सर्जरी हुई। ये पता चलते ही पूजा दौड़ी चली आई और पूरे कठिन वक्त में विनय के साथ रही। इसके बाद इन दोनों के बीच की सारी शिकायतें भी धुल गई और दोनों एक बार फिर शादी के बंधन में बंध गए। इसे वाकये को विनय ने अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिए शेयर किया है।

फेसबुक पर शेयर की अपनी लव स्टोरी

विनय जायसवाल ने फेसबुक पर लिखा है कि “*11 साल बाद फिर से एक साथ* हम कई बार ऐसा सोचते हैं कि काश हम समय में पीछे लौट पाते और बिगड़ी बातों को फिर से बना पाते. हम ऐसा सोचते ज़रूर हैं लेकिन ऐसा हो नहीं पाता क्योंकि बहुत से अगर – मगर और किन्तु – परन्तु के सवाल ऐसे होते हैं जो हमारी समय के साथ पुरानी पड़ चुकी बिगड़ी बातों को भी सही करने में सबसे बड़ी रूकावट का काम करते हैं. इन सभी अगर – मगर और किन्तु – परन्तु के सवालों को पीछे धकेलते हुए, हमने एक दूसरे से अलग होने के 11 साल बाद फिर से एक होने का निश्चय किया और परिवारजनों की उपस्थिति में एक पारिवारिक आयोजन के दौरान विधिवत विवाह संस्कार और विवाह रजिस्ट्रेशन के साथ तलाक की डिक्री को शून्य कर दिया. हम दोनों एक दूसरे के साथ हैं.”
“हम दोनों ने विवाह दिसम्बर, 2012 में किया था और आपसी सहमति से हमारे बीच 2018 में तलाक हुआ था. तलाक की डिक्री के दिन हमने साथ में बेहद ही सौहार्द वातावरण में डिनर किया था और एक दूसरे को अलविदा कहा था. इतने सालों के दौरान संवाद टूट गया था, शायद दिल के तार नहीं. इसलिए जब हार्ट अटैक हुआ तो वह भागी चली आई और ओपन हार्ट सर्जरी के बाद सीसीयू से लेकर घर तक पूरी रिकवरी के दौरान साथ निभाया. मेरे हार्ट अटैक ने हम दोनों के दिलों बीच जमी दूरियों की बर्फ को पिघलाने का काम किया और हम फिर से एक हो गए…इस बेहद शुभ मौके पर, हम अपने सभी प्रिय, खास और बेहद अजीज साथियों, सम्बन्धियों, सहयोगियों, करीबियों और शुभचिन्तकों के सानिध्य से वंचित रह गए. निश्चित ही इस खास मौके पर आप सभी की बेहद कमी खली. मुझे मालूम है कि आप सभी का आशीर्वाद, स्नेह, प्यार और शुभकामनायें हमारे साथ हैं और हमेशा हमारे साथ रहेंगी. हम आपके सानिध्य और आशीर्वाद के आकांक्षी हैं और आपकी सुविधानुसार आप हमारे आवास पर सादर आमंत्रित हैं. आपसे मिलने और आपसे आशीर्वाद लेने का यह सिलसिला चलता रहे और आप सभी का सानिध्य और प्यार बना रहे.” इस तरह ये दोनों एक बार फिर साथ साथ हैं और फेसबुक पर इनकी लव स्टोरी पढ़ने के बाद लोग इन्हें ढेर सारी मुबारकबाद दे रहे है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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