नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना महामारी का मुकाबला करने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की एक लैब ने कोविड 10 एंटीबॉडी परीक्षण किट को विकसित किया है। DRDO के मुताबिक डीपास-वीडीएक्स कोविड-19 IgG एंटीबॉडी माइक्रोवेल एलिसा डेवलप की गई है जो कोविड-19 के खिलाफ एंटीबॉडी का पता लगाने में मदद करेगी। जून 2021 के पहले सप्ताह में किट के लॉन्च किए जाने की उम्मीद है।
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एंटीबॉडी डिटेक्शन बेस्ड किट ‘DIPCOVAN’ को विकसित किया गया है जो स्पाइक के साथ-साथ SARS-CoV-2 वायरस के न्यूक्लियोकैप्सिड (S & N) प्रोटीन का पता लगा सकती है, जिसमें 97% की हाई सेंसेटिविटी और 99% की स्पेसिफिसिटी है। डीआरडीओ ने इसे वंगार्ड डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से निर्मित किया है। वंगार्ड डायग्नोस्टिक्स दिल्ली की डेवलपमेंट और मैन्युफेक्चरिंग डायग्नोस्टिक्स कंपनी है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया ने डिप्कोवैन किट को परीक्षण के लिए व्यापक पैमाने पर प्रयोग की मंजूरी दे दी है और उम्मीद है कि ये जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी।
ये किट पूरी तरह स्वदेशी है और दिल्ली के अलग अलग कोविड अस्पतालों में हजार से अधिक मरीजों के नमूनों की जांच के बाद ही इसकी क्षमता सत्यापित की गई है। अच्छी बात ये है किट से परीक्षण में बहुत ही कम समय लगेगा और 75 मिनिट की रिपोर्ट भी आ जाएगी। एंटीबॉडी परीक्षण का खर्च भी कम होगा और लगभग 75 रूपये में ही टेस्ट हो जाएगा।