इस कारण अटका कर्मचारियों का डीए, बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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भोपाल। प्रदेश के लाखों कर्मचारियों के 2018 की दूसरी छमाही के बढ़े हुए महंगाई भत्ते (डीए) पर ग्रहण लग गया है| खजाना खाली होने के चलते कर्मचारियों को इसके लिए इन्तजार करना होगा| हालांकि वित्त विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है , लेकिन फंड की कमी के चलते फिलहाल इस पर विराम लगाया गया है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के करीब साढ़े चार लाख कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 7 से 9 प्रतिशत करने के लिए राज्य सरकार को करीब 500 करोड़ रुपए की जरुरत होगी, लेकिन किसान  कर्जमाफी के चलते सरकार के पास पर्याप्त पैसा नही है। अगर सरकार कर्मचारियों को डीए देती है तो कर्जमाफी के वादे पर ब्रेक लग सकता है, जबकी सरकार को अपने वादे के मुताबिक जल्द से जल्द किसानों की कर्जमाफी करना है।

दरअसल,  बीते साल जुलाई में केन्द्र की मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों का डीए  7 से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया था, जिसके बाद सभी राज्यों ने एक के बाद कर्मचारियों को भत्ता देना शुरु कर दिया, लेकिन मध्यप्रदेश में ऐसा नही हो सका।एक जुलाई 2018 से अब तक राज्य के कर्मचारियों को सात प्रतिशत डीए ही मिल रहा है।इसी बीच विधानसभा चुनाव हो गए और सत्ता में परिवर्तन हो गया। कांग्रेस की सरकार आ गई और अब कर्मचारी संगठन बढ़ा हुआ डीए देने की मांग कमलनाथ सरकार से कर रहे है, इसके लिए वे वित्त मंत्री तरुण भनोट  से भी मिल चुके थे । वही वित्त विभाग ने भी उन्हें आश्वसन दिया है कि प्रस्ताव तैयार कर लिया है, लेकिन फंड की कमी के चलते फिलहाल इस पर फैसला नहीं हो पाया| वहीं डीए में हो रही देरी के चलते अब कर्मचारी संगठनों में सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ती नजर आ रही है। 

कर्जमाफी के चलते अटका डीए

राज्य सरकार को कर्मचारियों को बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता एरियर के रूप में देना होता है। इसके लिए वित्त विभाग प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट को भेजता है और वहां से हरी झंड़ी मिलने के बाद कर्मचारियों को डीए दिया जाता है। लेकिन वर्तमान में सरकार के पास फंड नही,  प्रदेश के करीब साढ़े चार लाख कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 7 से 9 प्रतिशत करने के लिए राज्य सरकार को करीब 500 करोड़ रुपए की जरुरत होगी, जो कि संभव नही है। चुंकी किसान कर्जमाफी के चलते सरकार के पास पर्याप्त पैसा नही है और सरकार को हर हाल में अपने वादे के मुताबिक आचार संहिता के पहले किसानो का कर्जा माफ करना है।

जितनी देरी उतनी बढ़ेगी मुश्किलें

सूत्रों की माने तो राज्य सरकार डीए बढ़ाकर देने में जितनी देरी करेगी, उसके खजाने पर आने वाला एकमुश्त बोझ बढ़ता जाएगा। लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 1 जनवरी 2019 से फिर बढ़ा सकती है।बताया जा रहा है कि सप्लीमेंट्री बजट विधानसभा से पास तो हो गया, लेकिन पैसों की कमी के कारण कई विभागों के पास अब तक बजट नहीं पहुंचा है। सरकार ने विधानसभा में 22 हजार करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया है। ऐसे में अगर केंद्र घोषणा करेगा तो राज्य को उतना ही डीए बढ़ाना पढ़ेगा। ऐसे में राज्य सरकार पर फिर बोझ बढ़ेगा और विकास कार्यों को पूरा करने मे भी अड़चन आएगी। ऐसे में सरकार बाजार से फिर पैसा उठाएगी और भार बढ़ता चला जाएगा।


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