अतिरिक्त महाप्रबंधक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि उप केंद्रों के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि उप केंद्रों में लगे 33 केवी तथा 11 केवी के एबी स्विच, आईसोलेटर अत्यंत ही खराब स्थिति में हैं। उप केंद्रों में स्थापित उपकरणों की अर्थिंग मानक स्तर की नहीं पाई गई है। जीआई स्ट्रीप की जगह एमएस स्ट्रीप लगी हुई है। उपकरणों पर क्लेंप की बजाय बाइंडिंग की गई है।
लाइनों का रख-रखाव सही नहीं
रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ उप केंद्रों में 11 केवी फीडर पर अत्यधिक ट्रिपिंग पाई गई। दर असल, लाइनों का रख-रखाव सही तरीके से नहीं हुआ है। विभिन्न उप केंद्रों पर मिश्रित फीडरों पर सिंगल फेज एबी स्विच के स्थान पर अमानक स्तर तथा असुरक्षित तरह से सिंगल फेजिंग का कार्य किया गया है। इसी तरह अतिरिक्त महाप्रबंधक ने कई तरह की खामियों को उजागर किया है, जो भाजपा शासनकाल से चली आ रही हैं।
सरकार कराएगी जांच
रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस सरकार अब इस मामले में शिवराज के राज में हुई बिजली उपकरण खरीदी की जांच करने का निर्णय लिया है, ताकि कांग्रेस सरकार जनता के बीच यह साबित कर सके कि जो बिजली कटौती हो रही है, वह भाजपा सरकार के कार्यकाल में खरीदे गये घटिया उपकरणों के कारण है। बिजली कटौती को लेकर चौतरफा घिरी प्रदेश की कमलनाथ सरकार अब इससे छुटकारा पाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार द्वारा अखबारों में विज्ञापन देकर दावा किया जा रहा है प्रदेश में बिजली को कोई कमी नही है, पिछली सरकार और कुछ लोगों की लापरवाही के चलते इन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इनका कहना है
बिजली कटौती के लिए घटिया विद्युत उपकरण जिम्मेदार है। 15 साल में बीजेपी ने बिजली ने घटिया उपकरण खरीदे थे, जिसके चलते अब बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। शिवराज सरकार के कार्यकाल में बिजली उपकरण खरीदी में घोटाला हुआ है। इसकी जांच कराई जाएगी।
पीसी शर्मा, जनसंर्पक मंत्री