भोपाल| कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद यह माना जा रहा था कि सीएम पद की शपथ लेने के बाद कमलनाथ अपने मंत्रिमंडल पर फैसला करेंगे| लेकिन पहले दिन से अधिकारियों के साथ ताबड़तोड़ बैठकों का दौर शुरू हो गया, जिसके चलते अभी तक मंत्रिमंडल में किसे जगह मिलेगी इस पर फैसला नहीं हो पाया है| सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ 20 को दिल्ली जाकर कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलेंगे उसके बाद किसे मंत्री बनाया जाएगा इस पर मंथन होगा| इसके बाद कमलनाथ भोपाल में आकर नामों पर मुहर लगाएंगे| वहीं मंत्रिमंडल में जगह बनाने के लिए भोपाल से लेकर दिल्ली तक सियासत गर्म है, हर कोई अपनी ताकत लगा रहा है, लेकिन कुछ ऐसे चेहरे हैं जिनकी संभावना प्रबल है कि उन्हें टीम कमलनाथ का हिस्सा बनने का मौका मिल सकता है|
लम्बे इन्तजार के बाद सत्ता में आई कांग्रेस बेहद संतुलन के साथ कदम उठाना चाहती है, क्यूंकि सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है, जिसके चलते कोई भी अप्रत्याशित निर्णय नहीं लिए जायेंगें, किसी की भी नाराजगी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता| वहीं कमलनाथ मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय, जातीय और गुटीय संतुलन को ध्यान में रखा जाएगा| सीएम पद की दौड़ में शामिल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे से ज्यादा विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है| वहीं प्रदेश अध्यक्ष के लिए दौड़ में चल रहे नेता प्रतिपक्ष को अगर कांग्रेस की कमान नहीं सौंपी जाती है तो उन्हें मंत्री बनाये जाना तय है|
यह बन सकते हैं मंत्री
जानकारी के मुताबिक मंत्रिपरिषद् में गुटों को साधने के अलावा क्षेत्र को साधने की भी कोशिश होगी। सूत्र बताते हैं कि कमलनाथ मंत्रिमंडल में डॉ. गोविंद सिंह, केपी सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ, आरिफ अकील, बाला बच्चन, बिसाहूलाल सिंह, इमरती देवी, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, हुकुमसिंह कराड़ा, नर्मदाप्रसाद प्रजापति जैसे अनुभवी तो जीतू पटवारी, हिना कांवरे, प्रियव्रत सिंह, उमंग सिंघार, तरुण भनोत, संजय शर्मा, सुखदेव पांसे, कमलेश्वर पटेल, सचिन यादव जैसे युवा विधायकों को मौका मिल सकता है। वहीं, निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल गुड्डा व ठा. सुरेंद्र सिंह शेरा भैया भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं।
ताकत लगा रहे सभी, दिल्ली में चर्चा के बाद तय होंगे नाम
मंत्रिमंडल को लेकर कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं और एआईसीसी के शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा के बाद मंत्रियों के नाम तय करेंगे। इसमें कई ऐसे नाम भी शामिल हो सकते हैं जिनकी किसी को उम्मीद न हो और जो कमलनाथ के करीबी हों| फिलहाल मंत्री बनने के लिए विधायकों में जबदरस्त माहौल है और हर कोई अपनी ताकत लगा रहा है| वहीं विधानसभा अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी फैसला होना है, विधानसभा अध्यक्ष के लिए एनपी प्रजापति, गोविन्द सिंह, केपी सिंह, बाला बच्चन और विजय लक्ष्मी साधो के नाम चल रहे हैं| इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया, अजय सिंह, रामनिवास रावत के नाम पर चर्च चल रही है|