भोपाल। नए वित्तीय वर्ष में किसानोंं को फसल लगाने के लिए कर्ज लेने में कोई समस्या नहीं हो इसके लिए राज्य सरकार ने आज से कर्जमाफी के प्रमाण पत्र बांटना शुरू कर दिए हैं। जय किसान योजना के तहत जिन किसानों का कर्ज माफ किया गया है उन्हें अब सरकार नो-ड्यूज-सर्टिफिकेट बांटने का काम शुरू कर रही है। सहकारी समितियों के आयुक्त ने जिला सहकारी बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को लिखा है कि एमपी सहकारी समिति के मानदंडों के अनुसार ऋण को सदस्य के खातों में शामिल करना है।
राज्य सरकार ने फंड जय किसान कर्जमाफी योजना के तहत मुहैया करवाया है। इस फंड को उन किसानोंं के खातों में शामिल करना है जिन्होंने कर्ज लिया था। 1 अप्रैल से शुरू हुए वित्तीय वर्ष 2019 में किसानों को समितियों से ऋण प्राप्त करने की आवश्यकता होगी। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से और नकदी के माध्यम से बीज, उर्वरक और अन्य खरीदी के लिए किसानों को ऋण की आवश्यकता होगी। इसलिए कृषि ऋण समितियों को राशि का निपटान करने का निर्देश दिया गया है और खाता बंदोबस्त से संबंधित किसानों को एक प्रमाण पत्र जारी किया जाना है।
बीजेपी ने लगाया उल्लंघन का आरोप
राज्य सरकार किसानों को प्रमाण पत्र वितरित कर रही थी, लेकिन चुनाव आचार संहिता राज्य में लागू होने के बाद, वितरण बंद हो गया था। अब सरकार ने नया तरीका निकाला है जिससे किसानोंं को प्रमाण पत्र वितरित किए जा सकें और किसान नया कर्ज ले सकें। लेकिन बीजेपी ने इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया है। बीजेपी नेताओं ने दावा करते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार किसानोंं का कर्ज माफ करने में नाकाम साबित हुई है। अभी तक किसी भी किसान का कर्ज माफ नहीं किया गया है। इसके उलट सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश के 22 लाख किसानोंं का उसने कर्ज माफ किया है। अब इस कर्जमाफी का प्रमाण पत्र भी सरकार किसानोंं को देना शुरू कर रही है। वहीं, बताया जा रहा है कि आचार संहिता में प्रमाण पत्र बाटने के मामले पर आयोग संंज्ञान ले सकता है।