Sun, Dec 28, 2025

कूनो नेशनल पार्क में चीता संरक्षण को नई उड़ान, गामिनी और उसके शावक आज से खुले जंगल में करेंगे विचरण

Written by:Shruty Kushwaha
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इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दी है। आपको बता दें कि चीता धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है। यह 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है और कुछ ही सेकंड में 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पकड़ लेता है। यहां ये बात भी ध्यान देने वाली है कि भले चीता तेज दौड़ता है, लेकिन ज्यादा ताकतवर नहीं होता। शेर या तेंदुए जैसे जानवर आसानी से इसके शिकार को छीन सकते हैं। इसलिए यह अकेले शिकार करना पसंद करता है।
कूनो नेशनल पार्क में चीता संरक्षण को नई उड़ान, गामिनी और उसके शावक आज से खुले जंगल में करेंगे विचरण

A New Milestone in Cheetah Conservation : कूनो नेशनल पार्क में चीतों के संरक्षण और प्रजनन की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ रहा है। आज दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता गामिनी अपने चार शावकों के साथ पार्क के पर्यटन जोन में खुले जंगल में छोड़ी जाएगी। गामिनी के दो नर और दो मादा शावकों के साथ खुले जंगल में छोड़े जाने के बाद ये पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेंगे।

इस बात की जानकारी सीएम डॉ मोहन यादव ने दी। उन्होंने कहा कि ‘आज वन संपदा और चीता प्रोजेक्ट के लिए उल्लेखनीय दिन है। आज गामिनी और उसके बच्चों को खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। यह निश्चित ही पर्यटन के साथ ही अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा।’ उन्होंने इसके लिए सभी को बधाई दी है।

मादा चीता गामिनी और उसके शावक आज खुले जंगल में छोड़े जाएंगे

आज गामिनी और उसके शावकों को खुले जंगल में छोड़ा जा रहा है। इन्हें जंगल में छोड़ने से पहले डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने उनकी सेहत की पूरी जांच की। यह सुनिश्चित किया गया कि वे जंगल में रहने के लिए तैयार हैं कूनो नेशनल पार्क चीतों पुनर्वास के लिए भारत का पहला चयनित स्थान है और अब धीरे-धीरे ये इन चीतों का स्थायी घर बनता जा रहा है।

चीता संरक्षण की दिशा में एक और कदम 

यह कदम भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार की उस बड़ी योजना का हिस्सा है, जिसके तहत देश से खत्म हो चुके चीतों को दोबारा लाने की कोशिश हो रही है। कई साल पहले भारत में चीते खत्म हो गए थे। अब विदेश से चीते लाकर उन्हें जंगलों में छोड़ा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर गामिनी और उसके शावक जंगल में अच्छे से रह पाए, तो यह योजना और मजबूत होगी। इससे आने वाले समय में चीतों की संख्या और बढ़ सकती है।