भोपाल।
देशव्यापी लॉकडाउन(lockdown) बीच कोरोना(corona) का कहर जारी है। जिसको लेकर केंद्र सरकार ने अब 17 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है।वहीं लॉकडाउन के कारण सारे यातायात सेवाएं बंद होने की वजह से कई प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, पर्यटक एवं छात्र अलग-अलग प्रदेशों में फंसे हुए हैं। इसको देखते हुए अब केंद्र सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन(special train) चलाने की इजाजत दी है। यह ट्रेन(train) प्रवासी मजदूर एवं छात्रों को लेकर उनके गंतव्य तक पहुंचेगी। इसी बीच आज मध्यप्रदेश(madhya pradesh) में नासिक(nasik) से मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन भोपाल के मिसरोद पहुंची है। जहां उनकी स्क्रीनिंग(screening) की जा रही है।
दरअसल गृह मंत्रालय(home ministry) के आदेश के बाद महाराष्ट्र में फंसे हुए मजदूरों को वापस लाने के लिए शिवराज सरकार द्वारा महाराष्ट्र(maharashtra) के नासिक से श्रमिक स्पेशल ट्रेन द्वारा भोपाल(bhopal) बुलाया गया। हालांकि पहले इस ट्रेन को भोपाल स्टेशन पहुंचना था लेकिन किसी कारणवश भोपाल ना पहुंचकर यह ट्रेन भोपाल के उप स्टेशन मिसरोद में ही रोक दिया गया। जहां प्लेटफार्म पर ही मजदूरों की स्क्रीनिंग की जा रहे हैं। जिसके बाद इन्हें होम क्वॉरेंटाइन(home quarantine) पर भेजा जाएगा। बता दें कि महाराष्ट्र के नासिक से 400 से अधिक मजदूर को लेकर यह पहली विशेष ट्रेन मध्य प्रदेश आई है।
गौरतलब हो कि कोरोना महामारी के बीच अचानक से लॉकडाउन लग जाने के बाद प्रवासी मजदूर, पर्यटक एवं छात्र अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं। जहां उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर कई राज्य सरकारों ने गृह मंत्रालय से इन लोगों को उनके घर भेजने के लिए उचित व्यवस्था करने का अनुरोध किया था। जिसके बाद गृह मंत्रालय दिशा निर्देश जारी करने के साथ कहा था कि लॉकडाउन के कारण श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाए जाएंगे। जहां प्रोटोकॉल के अनुसार जिस राज्य से लोग भेजे जाएंगे उस राज्य द्वारा ही उनके खाने पीने की व्यवस्था की जाएगी। वहीं केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी करते हुए कहा था कि यात्रा के बीच भी यात्रियों को सावधानी का पालन करना होगा। यात्रा करने की अनुमति केवल उन यात्रियों को प्राप्त होगी जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। जिसके बाद महाराष्ट्र के नासिक से आज पहले श्रमिक स्पेशल ट्रेन भोपाल पहुंची है। वहीं से पहले बस परिवहन के जरिए कोटा से छात्रों को मध्य प्रदेश वापस लाया गया था।