ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कोरोना मरीजों के लिए आक्सीजन और रेमडेसिवीर इंजेक्शन की बढ़ती मांग ने हालात बिगाड़ दिए हैं। स्थिति ये है कि लोग रेमडेसिवीर इंजेक्शन के लिए परेशान हैं और पूर्ति नहीं होने पर जान से हाथ धो रहे हैं। बिगड़ते हालात से नाराज वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा देर रात ग्वालियर के कोविड प्रभारी व प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले के बाहर जमीन पर लेट गए और धरना देने लगे। उनका कहना था कि लोग रेमडेसिवीर इंजेक्शन नहीं मिलने के कारण मर रहे हैं और प्रभारी मंत्री पूरे शहर में नौटंकी करते घूम रहे हैं। देवेश शर्मा के धरने की सूचना पर करीब एक घण्टे बाद मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर जब बंगले के बाहर उन्हें मनाने पहुंचे तो देवेश शर्मा ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि वे जबतक नहीं हटेंगे जब तक उनके द्वारा बताए पांच लोगों को रेमडेसिवीर इंजेक्शन नहीं मिल जाता।
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दुखी और आक्रोशित पूर्ण भाजपा जिला अध्यक्ष देवेश शर्मा ने कहा कि उनके कहने के बावजूद इंजेक्शन न मिलने के कारण एक संघ कार्यकर्ता की भाभी की मौत हो गई जबकि भाजपा नेत्री नीरू सिंह ज्ञानी, भाजपा नेता भरत दांतरे सहित तीन अन्य लोग गम्भीर हालत में हैं, बावजूद इसके उन्हें इंजेक्शन नहीं मिला है। देवेश शर्मा ने कहा कि मैंने सांसद विवेक शेजवलकर को कई बार फोन लगाए उन्होंने फोन नहीं उठाया, यहाँ मैं जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी को बताकर आया हूँ। हालात खराब हैं कोई सुन ही नहीं रहा। मै जिनके लिए इंजेक्शन मांग रहा हूँ वे ना मेरे रिश्तेदार हैं और ना ही मेरे परिवार के सदस्य। वे पार्टी के कार्यकर्ता हैं और शहर के नागरिक।
दिन में ही दी थी सूची, इंजेक्शन नहीं मिलने से कार्यकर्ता की भाभी की मौत हो गई
पूर्व अध्यक्ष देवेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने दोपहर में ही पांच इंजेक्शन की डिमांड की थी । मंत्री के कहने पर उन्हें सूची भेजी थी लेकिन रेमडेसिवीर इंजेक्शन नहीं मिले परिणाम स्वरूप संघ के कार्यकर्ता की भाभी गुजर गईं।उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं के फोन नहीं उठते मजबूर होकर उन्हें प्रभारी मंत्री के बंगले के बिस्तर बिछाकर बाहर लेटना पड़ा है। यह सारा घटना क्रम रात बारह बजे के बाद तक चलता रहा। इस बीच कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार भी वहां पहुंच गए और शहर में रेमडेसिवीर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की कमी का आरोप लगाकर देवेश शर्मा के साथ बैठ गए।
थाने ले जाने की बात पर उखड़ गए देवेश
जिस समय प्रद्युम्न सिंह तोमर देवेश शर्मा से बात कर रहे थे उसी समय सुरक्षा में लगे एक पुलिस अधिकारी ने देवेश शर्मा से थाने चलने की बात कह दी । इतना सुनते ही देवेश शर्मा फट पड़े उन्होंने कहा मुझे अभी गिरफ्तार करो। वे बोले मंत्री की ठसक में मुझे थाने की धमकी मत देना। जनसंघ के समय से भाजपा का कार्यकर्ता हूँ जितनी तोमर जी की उम्र नहीं है उतना समय आंदोलन करते निकल गया थाने से नहीं डरूंगा। बाद में मंत्री प्रद्युम्न सिंह ने देवेश शर्मा को शांत करने की कोशिश की।
केन्द्रीय मंत्री तोमर का आया फोन
उधर बवाल बढ़ता देख केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने देवेश शर्म से फोन पर बात कर उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन शहर के हालात से परेशान और दुखी देवेश शर्मा ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से फोन पर ही कह दिया कि बेशक उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाए लेकिन वे बीमार लोगों के लिए संघर्ष करने से पीछे नहीं हटेंगे।
प्रद्युम्न सिंह ने कहा प्रशासन कर रहा सबकी चिंता
पूरे घटनाक्रम पता कोविड प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना था कि देवेश जी ने जिन पांच लोगों की सूची मुझे भेजी थी मैंने उसे कलेक्टर को भेज दिया था। अब मैं पता करता हूँ कि क्या हुआ। उन्होंने कहा कि सबको जरूरत है प्रशासन सबके लिए व्यवस्था कर रहा है।
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