भोपाल| मध्य प्रदेश में 15 साल सत्ता में रहने के बाद अब कमलनाथ सरकार का राज शुरू हो गया है| पहले दिन ही सीएम का पदभार संभालते ही कमलनाथ ने कई बड़े फैसले लिए जिससे सरकार के खजाने पर असर पड़ेगा| लेकिन वर्तमान में राज्य की वित्तीय स्तिथि को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है| सीएम बनने के बाद कमलनाथ ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि पिछली सरकार ने खजाना खाली कर छोड़ा है| इसके पलटवार में पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा है कि कर्जा बढ़ा भले ही हो लेकिन आरबीआई के तहत ही कर्ज लिया है। भाजपा सरकार ने सरकारी खजाने में 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए छोड़े हैं। मलैया प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे|
दरअसल, शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सबसे पहले कर्जमाफी के फैसले पर मुहर लगाईं ओर जरूरी फाइलों पर हस्ताक्षर किये| किसानों का कर्जा माफ़ किया जा रहा है, लेकिन यह कैसे होगा जबकि खजाना खाली है| इस पर बीजेपी ने भी सवाल उठाये हैं| इस पर कमलनाथ ने कहा था कि भाजपा ने स्वीकार किया है कि खजाने की हालत ठीक नही है| वहीं पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्तीय हालातों पर स्तिथि को स्पष्ट करते हुए कहा कि कर्जा बढ़ा भले ही हो लेकिन आर बी आई के तहत ही कर्ज लिया है और कर्जा विकास कार्यो में ही लगाया। उन्होंने कहा कांग्रेस की सरकार के समय राजस्व घाटा 4 हजार 4 सौ करोड़ था। 15 सालों में हम ओवरड्राफ्ट नही हुए। भाजपा सरकार ने सरकारी खजाने में 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए छोड़े हैं। 31 हज़ार करोड़ किसानों के खातों में हमने दिया है। ट्रेजरी में 3 हज़ार करोड़ था|
किसानों की कर्ज़ माफी के फैसले पर पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया ने कहा मैंने बड़े अधिकारियों से बात की है, उन्हें भी समझ मे नही आ रहा ये कैसे होगा, मुख्यमंत्री बदलने के डर से कमलनाथ ने कर्ज़ माफी का फैसला लिया है| राहुल गांधी ने कहा था कि किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ तो 10 दिन में मुख्यमंत्री हटा दूंगा। लोकसभा चुनाव हो जाने दीजिए बहुत सारे काम बंद हो जाएंगे। किसानों की तो अभी पात्रता तय होनी है, उसके बाद देखते है किसानों के खातों में कब पैसा आता है। अभी काफी If and but हैं। कांग्रेस में वित्त मंत्री कौन होगा पर मलैया ने कहा ज़्यादातर तो CM ही वित्त विभाग को अपने पास रखते है।
इससे पहले पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया ने कहा था कि कांग्रेस ने 15 साल पहले हमें जिस हालत में मध्य प्रदेश का खजाना सौंपा था, हमने उन्हें वैसा ही लौटाया है। इस पर सवाल खड़े हुए थे| उन्होंने कहा था, ‘मप्र पर राष्ट्रीयकृत बैंकों का 34 से 36 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बाकी है। सब कुछ मिलाकर देखा जाए तो मप्र एक लाख 65 हजार करोड़ रुपए के कर्ज में है और करीब दो हजार करोड़ रुपए का ओवर ड्रॉफ्ट है। इस बयान के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोलै था और कमलनाथ ने कहा था कि बीजेपी ने स्वीकार किया है कि भाजपा सरकार ने खजाना खाली कर के छोड़ा है|