‘कर्जमाफी’ के जश्न में व्यस्त सरकार, उपज बेचने ठंड में ठिठुर रहा अन्नदाता

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भोपाल। राज्य शासन ने उपार्जन की तिथि बढ़ाने का ऐलान कर दिया है, लेकिन उपार्जन केंद्रों पर चल रही अव्यवस्था को लेकर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। केंद्रो पर खरीदी का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है। जिसकी वजह से केंद्रो के बाहर किसानों की लाइन लगी है। किसानों की वजह से ही सत्ता परिवर्तन के हालात बने। बदले हालात में सबसे ज्यादा तकलीफ किसानों को ही झेलनी पड़ रही है। सत्ता में आते ही सरकार कर्जमाफी में जुट गई, अभी तक किसी किसान के खाते में चवन्नी नहीं पहुंची, लेकिन किसान अपने उपज बेचने के लिए एक-एक हफ्ते से खरीद केंद्रों के बाहर ढेरा डाले हुए हैं। पूष की रात खुले आसमान के नीचे काटने को मजबूर है। खास बात यह है कि कर्जमाफी से उत्साहित सरकार का किसानों की इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं है। 

प्रदेश में ज्यादातर जिलों में किसान खरीद केंद्रों के बाहर अपनी उपज के साथ डेरा डाले हुए हैं। किसानों का आरोप है कि उनकी उपज को नहीं तौला जा रहा है। सांठगांठ के  जरिए व्यापारियों की फसल तौली जा रही है। कांग्रेस सरकार के खरीदी के नाम पर हो रही लूट की पोल कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक विक्रम सिंह नातीराजा ने खोली। नातीराजा का हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वे खरीद केंद्र का निरीक्षण करने गए। जहां उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे खराब गुणवत्ता की फसल को पहले खरीदते हैं, जबकि अच्छी गुणवत्ता वाले किसान को परेशान करते हैं। नातीराजा ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल भी उठाए। इसी तरह बसपा की विधायक रामबाई ने भी प्रशासनिक अधिकारयों पर किसानों को परेशान करने के आरोप लगाए। महिला विधायक ने तो अधिकारियों को पीटने की भी धमकी दी। यहां बता दें कि किसानों से मूंगफली समेत अन्य फसलों की खरीदी खाद्य विभाग के जरिए हो रही है। 


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