भोपाल।
सत्ता से हटने के बाद से ही कांग्रेस(congress) प्रदेश की शिवराज(shivraj) सरकार को किसी न किसी मुद्दे को लेकर घेर रही है। कभी किसानों का मुद्दा, कभी मजदूरों के मुद्दे को लेकर सियासत गर्माई हुई है। इसी कड़ी में अब शिवराज कि संबल भी शामिल हो गयी है। अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ(kamalnath) ने संबल के तहत श्रमिकों(labourers) को 7500 रूपए देने कि मांग की है।
दरअसल शुक्रवार को पीसीसी चीफ(PCC Chief) कमलनाथ ने सीएम शिवराज(CM Shivraj) को पत्र लिखकर कहा कि प्रधानमंत्री ने नारा दिया है जान भी और जहान भी अर्थात हमें नागरिकों के स्वास्थ्य(health) का ध्यान भी रखना है और उनकी आजीविका का भी । आज हमें सबसे ज्यादा हमारे किसान और श्रमिक भाइयों की आजीविका की चिंता करने की आवश्यकता है। मैंने आपसे पूर्व में भी आग्रह किया है कि हमारे श्रमिक भाइयों के पास बीते डेढ़ माह से अधिक समय से कोई काम नहीं है और उनकी आजीविका संकट में है। उन्हें तीन माह का 7500 रुपए प्रति माह की राहत दी जाए। पीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि हाल ही में इस योजना में मात्र 1903 श्रमिकों को लाभ दिया है जबकि कोरोना महामारी की इस घड़ी में योजना में पंजीबद्ध कुल श्रमिक करोड़ों से भी अधिक है। वे लाभ की प्रतीक्षा में है।
वही दूसरी तरफ नाथ ने कहा कि आपकी पूर्व से प्रचलित संबल नया सवेरा योजना को पुनः प्रारंभ करने की बात कही है। जबकि इस योजना को कभी बंद ही नहीं किया गया था और कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तो योजना को और अधिक प्रभावी बनाकर वास्तविक श्रमिकों को लाभ दिया गया। योजना में अपात्र पाए गए व्यक्तियों के नाम हटाए गए। जिन्हें पूर्व सरकार ने जोड़ा था । इस योजना में हुए भ्रष्टाचार को तत्कालीन श्रम मंत्री और आज के भाजपा नेता महेंद्र सिंह सिसोदिया सार्वजनिक रूप से आज भी स्वीकार कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में आपकी सरकार के कार्यकाल में लगभग 2 करोड़ लोगों को श्रमिकों के रूप में पंजीकृत किया गया था । दिसंबर 2018 में जब मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने आकार लिया तब मेरे संज्ञान में लाया गया कि बहुत बड़े पैमाने पर श्रमिकों के नाम पर साधन संपन्न लोगों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा था। वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील की है कि वो सम्बल योजना को उचित ढंग से लागू करें।