मध्यप्रदेश में भूजल स्तर में आ रही गिरावट पर कमलनाथ ने चिंता जताई है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश ने अपने भूजल का 60% दोहन कर लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भूजल के मामले में मध्य प्रदेश खतरनाक स्थिति की तरफ़ बढ़ रहा है और समय रहते इस तरफ़ ध्यान नहीं दिया गया तो हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को गंभीर जल संकट में धकेल देंगे।
पानी का अनियंत्रित दोहन, निरंतर खोदे जा रहे बोरवेल, बढ़ती आबादी और जल संचय की कमी भूजल स्तर में गिरावट के बड़े कारण हैं। इंदौर और रतलाम जिले पानी के अत्यधिक दोहन की श्रेणी में पहुंच चुके हैं। प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा..विशेष रूप से भूजल दोहन के मामले में अलार्मिंग स्तर पर है।
मध्यप्रदेश में भूजल स्तर की हालत चिंताजनक
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के तहत केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB) की रिपोर्ट्स के अनुसार, मध्य प्रदेश में भूजल दोहन की स्थिति चिंताजनक है। आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 2023 तक 58.75% भूजल का दोहन हो चुका था। रिपोर्ट्स के अनुसार, इंदौर और भोपाल में भूजल स्तर क्रिटिकल स्थिति में है। केंद्रीय भूजल बोर्ड के अनुसार मध्यप्रदेश में 90% भूजल का उपयोग कृषि के लिए, 9% घरेलू उपयोग और 1% औद्योगिक उपयोग के लिए होता है। अनियंत्रित बोरवेल, बढ़ती आबादी, और जल संचय की कमी को भूजल स्तर में गिरावट का प्रमुख कारण बताया गया है। जल शक्ति मंत्रालय भी अनियंत्रित दोहन को भूजल संकट का मुख्य कारण मानता है।
कमलनाथ ने दी ये चेतावनी
इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चिंता ज़ाहिर की है। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य ने अब तक अपने भूजल संसाधनों का साठ प्रतिशत दोहन कर लिया है और उन्होंने यह भी बताया कि भोपाल, इंदौर, रतलाम जैसे शहर ‘क्रिटिकल’ या ‘ओवर-एक्सप्लॉइटेड’ श्रेणियों में आ चुके हैं। उन्होंने इस संकट के लिए असंतुलित जल उपयोग को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि हम जितना पानी जमीन से निकाल रहे हैं, उतना पानी जमीन को वापस नहीं दे रहे। इस स्थिति से निपटने के लिए उन्होंने पारंपरिक जल स्रोतों जैसे कुओं और तालाबों को पुनर्जनन करने और आधुनिक भूजल रिचार्ज तकनीकों को बड़े पैमाने पर लागू करने की वकालत की। कमलनाथ ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाली पीढ़ियों को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
प्रदेश में भूजल स्तर में तेज़ी से आ रही गिरावट अत्यंत चिंता का विषय है। राज्यसभा में केंद्र सरकार की ओर से पेश आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश ने अपने भूजल का 60% दोहन कर लिया है। और भूजल के मामले में मध्य प्रदेश ख़तरनाक स्थिति की तरफ़ बढ़ रहा है।
प्रदेश की राजधानी भोपाल और इंदौर… pic.twitter.com/U90w8TUaZs
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 7, 2025





