Heatwave in India : दिनोंदिन गर्मी बढ़ती जा रही है और इसी के साथ बढ़ रहा है हीट स्ट्रोक का खतरा भी। कई जगह दिन का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा रहा है और कई इलाकों में हीट वेव (लू) ने गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय और मौसम विभाग ने हीट स्ट्रोक के खतरे को देखते हुए देशभर में अलर्ट भी जारी किया है।
देश के कई राज्यों में गर्मी ने इस साल सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों से लेकर महाराष्ट्र, तेलंगाना और ओडिशा जैसे राज्यों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। दिल्ली में गर्मी ने नया रिकॉर्ड बनाया है। 8 अप्रैल को सफदरजंग में अधिकतम तापमान 41.0°C दर्ज किया गया, जो इस सीजन का अब तक का सबसे अधिक है। अन्य क्षेत्रों में भी तापमान 40°C के आसपास रहा है।

गर्मी का कहर जारी
मध्यप्रदेश में भी भीषण गर्मी का कहर जारी है। नर्मदापुरम में तापमान 44.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो अप्रैल महीने में पिछले दो वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ चुका है। मौसम विभाग ने अशोकनगर, गुना, रतलाम, मंदसौर और नीमच में हीट वेव का ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है। इसके अलावा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत तीस जिलों में लू का अलर्ट जारी किया गया है।
क्या होती है हीट वेव और हीट स्ट्रोक
हीट वेव एक प्रकार की अत्यधिक गर्म मौसम की स्थिति है जिसमें दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक बढ़ जाता है। IMD के अनुसार, जब किसी क्षेत्र का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाए या रात का तापमान सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस ऊपर चला जाए तो उस क्षेत्र को हीट वेव ग्रस्त माना जाता है।
हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर का तापमान तेजी से बढ़ जाता है और शरीर उसे नियंत्रित नहीं कर पाता। आमतौर पर यह तब होता है जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक धूप में रहता है और शरीर से पसीना आना बंद हो जाता है। इससे मस्तिष्क, दिल, किडनी और मांसपेशियों पर गंभीर असर हो सकता है। इसके लक्षणों में सिरदर्द और चक्कर आना, उल्टी, त्वचा का शुष्क और गर्म होना, भ्रम की स्थिति या बेहोशी, तेज़ और धीमी सांसें और बहुत प्यास लगना शामिल हैं। समय पर इलाज न मिले तो ये स्थिति गंभीर बन सकती है।
हीट वेव और हीट स्ट्रोक से बचने के उपाय
स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञों ने लोगों को कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी है जो इस प्रकार है:
1. हाइड्रेशन बनाए रखें : दिनभर में खूब पानी, नींबू पानी, नारियल पानी और ओआरएस घोल पिएं। शराब, चाय, कॉफी और मीठे पेय से बचें क्योंकि ये डिहाइड्रेशन बढ़ा सकते हैं।
2. हल्के कपड़े पहनें : ढीले-ढाले, हल्के रंग के और सूती कपड़े पहनें जो त्वचा को सांस लेने दें।
3. धूप से बचें : दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें क्योंकि इस समय गर्मी सबसे ज्यादा होती है। टोपी, छाता और सनग्लास का उपयोग करें।
4. घर को ठंडा रखें : पंखे, कूलर या एसी का उपयोग करें। खिड़कियों पर पर्दे लगाकर धूप को रोकें।
5. शारीरिक श्रम सीमित करें : इस गर्मी में भारी व्यायाम या मेहनत वाले काम करने से बचें।
6. लक्षणों पर नजर रखें : अगर किसी को चक्कर, सिरदर्द या उल्टी जैसे लक्षण दिखें तो उसे तुरंत ठंडी जगह पर ले जाएं, पानी पिलाएं और डॉक्टर से संपर्क करें।
7. बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखें : ये आयु वर्ग सबसे ज्यादा जोखिम में होते हैं। उनकी देखभाल सुनिश्चित करें।