ग्वालियर, अतुल सक्सेना
अपनी कार्यशैली के लिए चर्चित ग्वालियर नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन कितने ताकतवर हैं इसका उदाहरण वे समय समय पर देते रहते हैं। हाल ही में भाजपा सांसद द्वारा लिखे गए 31 पत्रों को इग्नोर करने का मामला सामने आने के बाद अब नगर निगम प्रशासक के आदेश की अनदेखी का मामला सामने आया है।
अपनी शासकीय सेवा का अधिकांश समय ग्वालियर चंबल संभाग में बिताने वाले आईएएस अधिकारी संदीप माकिन पिछले डेढ़ साल से ग्वालियर नगर निगम आयुक्त हैं। हालांकि पांच महीने पहले कांग्रेस सरकार के समय उनका तबादला कर संचालक गैस त्रासदी भोपाल बनाया गया था लेकिन अपने संबंधों के चलते वे वापस ग्वालियर नगर निगम आयुक्त बनने में कामयाब हो गए और उसके बाद से वे इसी पद पर हैं। इससे पहले वे नगर निगम में अपर आयुक्त भी रहे हैं वहीं से फरवरी 2019 में आयुक्त बनाये गए। उनकी कार्यशैली हमेशा चर्चा में रहती है। इस बार भी वे चर्चा में हैं और चर्चा की वजह है नगर निगम प्रशासक के आदेश की अवहेलना।
दरअसल नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन ने 26 जून 2020 को एक आदेश निकालकर खेल अधिकारी सतपाल सिंह चौहान को उनके दूसरे दायित्वों के साथ नोडल अधिकारी खेल विभाग बना दिया और खेल विभाग में पदस्थ उप यंत्री बृज किशोर त्यागी को खेल विभाग के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया। गौरतलब है कि सतपाल सिंह चौहान इस समय उपायुक्त स्वास्थ्य की जिम्मेदारी निभा रहे हैं और अब वे अपने मूल विभाग खेल विभाग को भी देखेंगे।
आयुक्त संदीप माकिन के आदेश के बाद नगर निगम प्रशासक वरिष्ठ आईएएस संभाग आयुक्त एमबी ओझा ने 6 जुलाई 2020 को सतपाल सिंह चौहान के नियुक्ति आदेश के संदर्भ में आयुक्त को पत्र लिखा। पत्र में प्रशासक ने लिखा कि उपरोक्त विषयांतरगत संदर्भित आदेश जारी कर सतपाल सिंह चौहान खेल अधिकारी को अपने वर्तमान कार्यों के साथ साथ नोडल अधिकारी खेल विभाग का दायित्व सौंपा गया है। उक्त स्थिति से स्पष्ट होता है कि नगर निगम ग्वालियर में एक ही अधिकारी को सभी प्रभार नहीं देना चाहिए इससे प्रशासनिक अराजकता की स्थिति निर्मित होती है तथा काम न करने वाले अधिकारी बगैर काम किये लाखों रुपये वेतन में प्राप्त करते हैं। हालांकि नगर निगम प्रशासक एमबी ओझा ने स्पष्ट रूप से आयुक्त को ये निर्देश नहीं दिये कि सतपाल सिंह चौहान के आदेश को निरस्त कर दें लेकिन उनके पत्र की भाषा का भाव यही है लेकिन आयुक्त संदीप माकिन ने प्रशासक के आदेश को इग्नोर कर दिया और एक महीने बाद भी उसपर कोई एक्शन नहीं लिया।
यहाँ बता दें कि आयुक्त संदीप माकिन इससे पहले ग्वालियर के भाजपा सांसद विवेक शेजवलकर के 11 महीनों में लिखे गए 31 पत्रों को भी इग्नोर कर चुके हैं। जबकि सभी जानते हैं कि सत्ता धारी दल के सांसद विवेक शेजवलकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में भी अच्छा प्रभाव रखते हैं बावजूद इसके आयुक्त ने शहर विकास और समस्याओं से जुड़े सांसद शेजवलकर के 31 पत्रों को इग्नोर कर दिया। हालांकि भाजपा सांसद ने इसकी शिकायत नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव से की है। देखना होगा कि अपने हिसाब से नगर निगम चला रहे आयुक्त संदीप माकिन के खिलाफ प्रमुख सचिव क्या कोई एक्शन लेते हैं?