MP Employees News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक बार फिर रिटायर कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है।जबलपुर हाई कोर्ट ने मप्र पर्यटन विकास निगम के सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों के लिए हित में अहम फैसला सुनाया है, इसके तहत जिनको 60 में सेवानिवृत्त कर दिया गया, उन्हें दो वर्ष के सभी लाभाें का भुगतान सुनिश्चित किया जाये। वही जो कर्मी 60 वर्ष के हो गये हैं, उन्हें 62 वर्ष तक सेवा में रखा जाये।
दरअसल, मप्र पर्यटन विकास निगम कर्मचारी भोपाल निवासी अशोक कुमार सोनी के साथ कई कर्मचारियों ने एक संयुक्त रूप से मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के खिलाफ जबलपुर हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की। इनकी तरफ से अधिवक्ता अक्षय पवार ने कोर्ट के सामने पक्ष रखते हुए कहा कि शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से 62 होने के बावजूद निगम में 60 वर्ष में ही कर्मचारियों को रिटायर किया जा रहा है, जिससे उन्हें 2 साल का नुकसान हो रहा है।
नियम का पालन नहीं
वही मप्र पर्यटन विकास निगम की नियमावली में भी साफ लिखा है कि मप्र शासन के परिपत्र उसके संदर्भ में भी अन्य शासकीय विभागों की भांति स्वत: प्रभाव से लागू होंगे। बावजूद इसके कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के सिलसिले में शासकीय नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। याचिकाकर्ता 3 साल पहले भी हाई कोर्ट के पास आए थे, तब नोटिस जारी हुए थे। लेकिन विभाग की ओर से वित्तीय व्यवस्था खराब होने सहित अन्य बातों का हवाला देकर बचाव जारी है।इसके बाद हाई कोर्ट ने तर्क से सहमत होकर याचिकाकर्ताओं काे बड़ी राहत देते हुए उनके हक में आदेश पारित कर दिया।
2 वर्ष के सभी लाभों का भुगतान
हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने मप्र पर्यटन विकास निगम कर्मचारियों के हक में फैसला सुनाते हुए कहा कि पर्यटन विकास निगम के कर्मियों को 60 नहीं 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त करें। जो कर्मी 60 वर्ष के हो गये हैं, उन्हें 62 वर्ष तक सेवा में रखा जाये। यही नहीं जिनको 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त कर दिया गया है, उन्हें दो वर्ष के सभी लाभाें का भुगतान सुनिश्चित किया जाये। यह संपूर्ण प्रक्रिया 90 दिन के भीतर पूरी कर ली जाए।