भोपाल। सरकार की पुरजोर कोशिशों के बाद भी प्याज के दाम नहीं थम रहे हैं। इस बीच मप्र नागरिक आपूर्ति निगम के पूर्व अध्यक्ष डॉ हितेश वाजपेयी ने ट्वीट कर प्याज को लेकर सियासत में खलबली मचा दी है। उन्होंने लिखा कि ‘यदि मैंने प्याज का सच किताब लिखी तो शायद लगभग 35 आईएएस अधिकारियों की ऑखों में शर्म के आंसू आ जाएंगे जो अभी केवल उपभोक्ता और किसान की आंखों में हैं’। उनके ट्वीट के अब कई मायने निकाले जा रहे हैं|
डॉ वाजपेयी ने कहा कि प्याज के दाम मिलीभगत से बढ़ाए गए हैं। प्याज की जमाखोरी कहां की गई है। सरकार प्याज गोदामों पर छापामार कार्रवाई का दावा करती है, लेकिन अभी तक यह नहीं बताया कि कितनी जगह छापा मारा। कितना प्याज मिला है। डॉ वाजपेयी ने कहा कि मंडी की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं है। कृषि विभाग की इसमें भूमिका संदिग्ध है।
45 रुपए में बेची जा रही 8 रुपए की प्याज
वाजपेयी ने कहा कि उन्होंने प्याज के कारोबार को करीब से देखा है। सरकार ने किसानों से प्याज 8 रुपए प्रति किलो खरीदी थी, अब सरकार उसे 45 में बेच रही है। यह प्याज आ कहां से रहा है। किसानों के पास तो प्याज है नहीं। सरकार ने प्याज किसे कितना बेचा था। यह सब पता है। फिर प्याज का स्टॉक बाहर क्यों नहीं आ रहा है।
सरकार प्याज को 8 रुपए में खरीदकर 45 रुपए में क्यों बेच रही है। यह प्याज किसके गोदाम से आ रहा है। किसानों के पास तो प्याज है नहीं है। मिलीभगत से प्याज को स्टॉक करके दाम बढ़ाए गए हैं।
डॉ हितेष वाजपेयी, पूर्व चैयरमेंन, नागरिक आपूर्ति निगम एवं भाजपा नेता
यदि मैंने “प्याज का सच” किताब लिखी तो शायद लगभग ३५ IAS अधिकारीयों की आँखों में शर्म के आंसू आ जायेंगे जो अभी केवल उपभोक्ता और किसान की आँखों में हैं ! ???? — thinking about doing something different
— Dr.Hitesh Bajpai (@drhiteshbajpai) November 28, 2019