कंसाना ने मुख्यमंत्री को सौंपा इस्तीफा, लेकिन नहीं छूट रहा इमरती का मंत्री पद मोह, इस्तीफे से इंकार

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश उपचुनाव में भाजपा को सबसे बड़ा मुद्दा देने वाली इमरती देवी (Imarti devi) खुद अपनी डबरा सीट नहीं बचा पाईं। वहां से वो अपने समधी और कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राज्य से चुनाव हार गई। लेकिन चुनाव हारने के बाद भी महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी का मंत्री पद का मोह नहीं छूट रहा है। बुधवार को उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि, मैं मंत्रिमंडल में इस्तीफा नहीं दूंगी मैं, हारी नहीं हूं.. जीती हूं। सत्ता सरकार मेरी है, जो जीते हैं वह एक हैंडपंप भी नहीं लगवा पाएंगे। इमरती देवी ने कहा, विधायक निधि का सारा पैसा कोरोना फंड में चला गया। अब वह क्या खर्च कर पाएंगे। उधर पीएचई मंत्री एंदल सिंह कंसाना (Aidal singh kansana) ने नैतिकता के आधार पर सबसे पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंप दिया।

6 महीने तक बने रह सकते है मंत्री
दरअसल मंत्री पद की शपथ लेने की तारीख से 6 महीने की अवधि में बिना विधायक रहे मंत्री पद पर बने रहने का प्रावधान है। इमरती सहित अन्य मंत्रियों ने 2 जुलाई 2020 को मंत्री पद की शपथ ली थी। उनका 6 महीने का कार्यकाल 1 जनवरी को पूरा होगा। नियम अनुसार चुनाव हारने के बाद भी इमरती देवी, एंंदल सिंह कंसाना व गिरिराज दंडोतिया 1 जनवरी तक मंत्री पद पर रह सकते हैं।

कमलनाथ मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर भाजपा में हुई थी शामिल
गौरतलब है कि इमरती देवी मार्च में कमलनाथ मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गई थी। लेकिन उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। चुनाव परिणाम के बाद पीएचई मंत्री एदल सिंह कंसाना ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बुधवार को अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंप दिया। कंसाना मार्च में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। जुलाई में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें पीएचई मंत्री बनाया गया था। उपचुनाव में वह सुमावली सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अजब सिंह कुशवाहा से हार गए।

निगम मंडल में किया जा सकता है एडजस्ट
इमरती देवी ने भले ही अपने मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने से इंकार कर दिया हो लेकिन 6 महीने बाद उन्हें मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना ही पड़ेगा। इस बीच चर्चा है कि मुख्यमंत्री दोनों वरिष्ठ नेताओं का सम्मान बरकरार रखने के लिए उन्हें निगम मंडल में एडजस्ट करेंगे, ताकि दोनों के बंगले भी बचे रहे।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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