भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। गुड गवर्नेंस की दिशा में मध्य प्रदेश की सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को कैबिनेट की बैठक के दौरान अनौपचारिक चर्चा में मुख्यमंत्री शिवराज ने निर्देश दिए हैं कि कोई भी फाइल अब अधिकारियों या मंत्रियों के पास तीन दिन से ज्यादा नहीं रुक पाएगी। काम की गति तेज करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है।
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मध्य प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और गृह एवं जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट के बाद ब्रीफिंग करते हुए सरकारी फाइलों के संबंध में हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक में सैद्धांतिक रूप से अब यह निर्णय लिया गया है कि किसी भी फाइल को कोई भी मंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या कोई अधिकारी तीन दिन से ज्यादा नहीं रोक पाएगा। गुड गवर्नेंस को दृष्टिगत रखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है।
दरअसल मुख्यमंत्री के संज्ञान में यह मामला कई दिनों से आ रहा था और कई बार इस तरह की शिकायतें भी आई थी कि कई महत्वपूर्ण फाइलें अपने अपने स्तर पर मंत्री या अधिकारी रोक लेते हैं जिसके कारण कई जन हितैषी निर्णय नहीं हो पाते। इसके पीछे या तो व्यक्तिगत रूचि होती है या फिर काम को टालने की प्रवृत्ति। लेकिन अब यह निर्णय लिया गया है कि हर हाल में फाइल के ऊपर अपना अभिमत देने के बाद उसे तीन दिन के बाद आगे के लिए रवाना करना अनिवार्य होगा जिसके चलते सरकारी कामकाज तेजी से निपटाया जा सके। अब सैद्धांतिक रूप से लिया गया निर्णय व्यवहारिक रूप में कितना अमल में आता है, यह तो देखने वाली बात होगी क्योंकि लालफीताशाही के तिलिस्म को तोड़ पाना इतना आसान नहीं, जितना समझा जाता है।
#MadhyaPradesh में गुड गवर्नेंस के तहत कोई भी फाइल अब मंत्रियों और अधिकारियों के पास तीन दिन से ज्यादा नहीं रुकेगी।#CabinetDecisions pic.twitter.com/DJK1fzG8C6
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) September 13, 2021