भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से उप चुनाव में प्रत्याशी हैं। उन्हें चुनौती देने के लिए छिंदवाड़ा के ही सीएम के हमनाम कमलनाथ छिपाने खड़े हुए थे। लेकिन उन्होंने नामांकन वापस ले लिए है। अब मुख्यमंत्री के सामने सिर्फ बीजेपी उम्मीदवार ही ताकत झोंक रहे हैं।
दरअसल, कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें विधानसभा का सदस्य बनना है। वह फिलहाल छिंदवाड़ा लोकसभा संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं। उन्होंने छिंदवाड़ा विधानसभा से उप चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया है। उनके सामने निर्दलीय कमलनाथ छिपाना खड़े हुए थे लेकिन उन्होंने अब अपना नामांकन वापस ले लिया है। छिपाना ने पर्चा वापस लेने के बाद मीडिया से कहा कि वे छात्र राजनीति में सक्रिय रहे हैं अब विधायक बनकर समाज और देश की सेवा करना चाहते थे। पांच गांव के लोगों ने उनसे मैदान छोड़ने का आग्रह किया। कांग्रेस की ओर से भी उनके पास कई बार संपर्क किया गया। लेकिन जब माता पिता ने वह चुनाव जीत नहीं पाएंगे इसलिए पर्चा वापस लेलें। अपने माता पिता की बात पर अमल करते हुए उन्होंने शुक्रवार को अपना नामांकन वापस ले लिया। हालांकि, उन्होंने पंचायत चुनाव में कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है।
छिंदवाड़ा में भी बीजेपी में बगावत
जुन्नारदेव विधानसभा से आदिवासी वर्ग के भाजपा विधायक रहे रामदास उइके ने टिकट नहीं मिलने से भाजपा के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिल कर दिया है। यहां से बीजेपी ने नथन शाह को उम्मीदवार बनाया है। सूत्रों के मुताबिक रामदास के खड़े होने से कांग्रेस के नकुलनाथ को फायदा मिलेगा। बीजेपी के वोट में सेंध लगने से कांग्रेस के खाते में वोट मिलेंगे। हालांकि, दोनों ही दल के वरिष्ठ नेताओं ने उनसे टिकट वापस लेने के लिए कहा है। लेकिन रामदास अपने फैसले पर अडिग हैं। इससे बीजेपी प्रत्याशी के लिए मुश्किलें खड़ी हो गईं हैं।