अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष: महिलाएं कर रहीं हर मैदान फतेह – प्रवीण कक्कड़

भोपाल, प्रवीण कक्कड़। International Women’s Day Special– महिलाएं (women) अपने जीवन में अलग-अलग किरदार निभातीं हैं। इन किरदारों (character) में अलग-अलग जिंदगी जीती हैं,, कई बार इन किरदारों को निभाने में अपना असली किरदार भूल जाती हैं। उन्‍हें हमेशा लगता है कि वह किसी न किसी पर निर्भर हैं। महिलाओं के जीवन में समस्‍या है कि वह खुद को मझधार की नैया समझती हैं, जबकि वह मझधार की नैया को पार लगाने वाली पतवार हैं। उनकी इस पतवार से ही परिवार, समाज और देश की नैया पार हो रही है।

महिलाएं जब ही सशक्त हो सकती हैं जब वह खुद इस बात को ठान लें। आज महिलाओं की उड़ान ने समाज की सोच और उन्‍हें नीचा दिखाने वाले स्रोत दोनों को बदलकर रख दिया है।अपनी उड़ान में बेड़ी बनने वाली जंजीरों को वह अपना शस्‍त्र बनाकर हर मैदान फतह कर रही हैं।


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Kashish Trivedi

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