जबलपुर, संदीप कुमार।देश में लगातार बढ़ती पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel Price Hike) की कीमतों का मामला अब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) पहुंच गया है। डीजल और पेट्रोल(Petrol-Diesel) में एथेनॉल(Ethanol) मिलाकर बेचे जाने को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय (Ministry of Petroleum) और राज्य सरकार (MP Government) समेत तेल कंपनियों (Oil companies) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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दरअसल, पेट्रोल-डीज़ल में सस्ता इथेनॉल मिलाने के बाद भी पेट्रोल और डीजल के दाम ना घटाए जाने को जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur Highcourt) में चुनौती दी गई है। मामले पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार सहित पेट्रोलियम कंपनियों के खिलाफ नोटिस जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने सरकार सहित पेट्रोलियम कंपनियों से पूछा है कि कम कीमत का इथेनॉल मिलाने के बाद भी पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी क्यों नहीं लाई गई।
हाईकोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार सहित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (Indian Oil Corporation) , हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (Hindustan Petroleum Corporation) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (Bharat Petroleum Corporation) को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं और मामले पर अगली सुनवाई 6 हफ्तों बाद तय की है।हाईकोर्ट में ये याचिका जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मंच (Citizen Consumer Forum of Jabalpur) की ओर से दायर की गई है।याचिका में कहा गया है कि इथेनॉल पर 5 परसेंट का टैक्स लिया जाना चाहिए लेकिन देश में इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल पर 51 प्रतिशत टैक्स लिया जा रहा है जिसमें 18 प्रतिशत केन्द्र जबकि 31 प्रतिशत टैक्स मध्यप्रदेश सरकार वसूल रही है।
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याचिका में सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है कि देश भर में बीते 2 सालों में ही 37 हजार करोड़ रुपयों के 690 करोड़ लीटर इथेनॉल को पेट्रोल डीजल में मिलाकर बेचा गया है लेकिन इसका फायदा दाम घटाते हुए आम उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाया गया। याचिका में इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने की मांग की गई है।फिलहाल हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए केन्द्र और राज्य सरकार सहित देश की तीनों पेट्रोलियम कंपनियों से जवाब मांगा है।