मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखकर प्रशासन हाई अलर्ट पर है। अब अगर कोई भी लॉकडाउन के दौरान बाहर निकला तो उसपर कानूनी कार्रवाई कर हिरासत में लिया जाएगा और अस्थायी जेल में भेजा जाएगा। इसके लिये शहर के मैरिज गार्डन्स में अस्थायी जेल बनाई जा रही है। अगले दो दिनों तक शहर के अधिकांश स्थानों पर दूध की सप्लाई भी बंद रहेगी।
रविवार शाम संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने शहर के आला अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक ली। बैठक में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कई कड़े निर्णय लिए गए। इस बैठक के दौरान जिला कलेक्टर, इंदौर डीआईजी, आईजी, निगमायुक्त सहित स्वास्थ्य विभाग से जुड़े आला अधिकारी मौजूद थे। जानकारी के मुताबिक बैठक में सबसे पहले निर्णय लिया गया कि चोइथराम सब्जी मंडी को पूर्णतः बन्द किया जा रहा है, और आगामी आदेश तक मंडी बन्द रहेगी। इधर, प्रशासन ने ये भी साफ कर दिया है कि 3 दिन के संपूर्ण बन्द के दौरान 2 दिनों तक दूध विक्रय भी नही किया जाएगा, हालांकि इस दौरान मेडिकल स्टोर खुले रहेंगे।
कलेक्टर ने मीडिया से बातचीत कर लोगों से घरों में ही रहने की अपील की है, साथ ही सख्त लहजे में ये भी साफ किया यदि कोई बंद के दौरान बाहर निकलता है उस पर कानूनी कार्रवाई कर उन्हें अस्थायी जेल में भेज दिया जाएगा। इसके लिए बकायदा जिला कलेक्टर ने कहा कि मैरेज गार्डन्स को अस्थायी जेल में तब्दील किया जाएगा। इस दौरान हिरासत में लिये लोगो के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाएगा। कलेक्टर ने कहा की कोरोना को नियंत्रित करने के लिए लोग 10 से 15 दिन घर से बाहर ना निकले। वही उन्होंने कहा कि अगले 2 से 3 दिनों में रानीपुरा, हाथीपाला, खजराना और चन्दननगर क्षेत्र को सेनेटाइज किया जाएगा और प्रशासन का फोकस भी इन क्षेत्रों में ज्यादा रहेगा। प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद अब कल से ना तो किराना दुकाने खुलेंगी और ना ही दूध की दुकानें। वही जरूरतमंद लोगो के लिए बेहद जरूरी सामान जैसे जैसे चावल, आटा, दाल, तेल, मिर्च सहित अन्य वस्तुओं के पैकेट बांटे जाएंगे।