Internal conflict in BJP : बीजेपी विधायक जजपाल सिंह जज्जी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने और उनकी विधानसभा सदस्यता भी निरस्त करने के आदेश के बाद बीजेपी नेता लड्डू राम कोरी का लड्डू बांटते हुए वीडियो सामने आया है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की एकल पीठ ने विधायक जजपाल सिंह जज्जी के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने के मामले में केस दर्ज करने के निर्देश भी दिए हैं। अशोकनगर से भाजपा विधायक पर अदालत ने 50 हजार का हर्जाना भी लगाया है। बता दें कि उनके खिलाफ लड्डू राम कोरी ने ही चुनाव हारने के बाद हाईकोर्ट में जाति प्रमाण पत्र को लेकर याचिका दायर की थी।
बीजेपी में पुराने बनाम नए
बहरहाल, इस मामले ने मध्य प्रदेश बीजेपी की एक ऐसी तस्वीर सामने ला दी है..जिसे अक्सर सरकार और संगठन नकारती रहे हैं। ये है पुराने भाजपाई और दूसरी पार्टियों खासकर कांग्रेस से आने वाले नेताओं के बीच की तनातनी। कांग्रेस की अंदरूनी कलह पर तो खूब चर्चा होती है, लेकिन बीजेपी के अंदर होने वाली इस खींचतान पर ज़ाहिर तौर पर अक्सर चुप्पी साध ली जाती है। लेकिन बीजेपी के पुराने निष्ठावान कार्यकर्ता, नेता..पार्टी में ‘बाहरी लोगों’ के दबदबे से नाराज़ हैं और इसे लेकर भीतर ही भीतर एक गहरा असंतोष भी पनप रहा है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद उनके सैंकड़ों समर्थकों भी उनके साथ आए। इनमें कई उनके ऐसे वफादार थे, जिन्हें शिवराज मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया। अब गुजरात चुनाव के बाद एक बार फिर कैबिनेट विस्तार की सुगबुगाहट है और ऐसे में पुराने vs नए का मामला फिर उठ सकता है। हालांकि विस्तार हुआ तो आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण के हिसाब से निर्णय लिए जाएंगे। लेकिन लंबे समय से बीजेपी के पुराने नेता उपेक्षा और पिछड़ने की शिकायत कर रहे हैं। ऐसे में अगर फिर सिंधिया खेमे के नेताओं को तरजीह मिली या हाल में आए अन्य लोगों को स्थान दिया गया तो ये मुद्दा तूल पकड़ सकता है।
जजपाल सिंह जज्जी के संदर्भ में…लड्डू बांटने का जो वीडियो सामने आया है वो इसी असंतोष और असुरक्षा भाव की बानगी भी है। चूंकि अब जज्जी भी बीजेपी में हैं, लिहाज़ा ये कृत्य पार्टी अनुशासन के विपरीत है। लेकिन ये तस्वीर का वो रूख है, जिससे जूझना संगठन के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं। खासकर मिशन 2023 की तैयारियों और फिर टिकिट बंटवारे के समय ये पार्टी के लिए एक गंभीर मुद्दा साबित हो सकता है।