नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। सर्वव्यापी कोरोना (corona pandemic) ने पूरे देश में हाल-बेहाल कर रखे हैं। एक दिन में 4 लाख के करीब कोरोना के मामले आ रहे हैं। मौतों का आंकड़ा (death numbers) भी आसमान छू रहा है। ऐसे में कोरोना की वजह से प्राण त्यागने वाले कई लोगों का अंतिम संस्कार(funeral) तक नहीं हो पा रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सभी को कोरोना का डर (fear) सता रहा है। ऐसी विकट परिस्थितियों में आइए मिलते हैं दिल्ली के जितेंद्र सिंह उर्फ शंटी से जिन्होंने कोरोना काल में अब तक 2000 से अधिक अनजान व्यक्तियों का अंतिम संस्कार करवाया है।
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जितेंद्र सिंह दिल्ली के रहने वाले हैं और वे यही पर शहीद भगत सिंह सेवा दल के नाम से एक संस्थान चलाते हैं। जितेंद्र सुबह 7 बजे से उठते हैं, कोरोना संबंधी सभी एहतियात बरतने जैसे मास्क, सेनिटाइजर और पीपीई किट पहनने के बाद वे निकल जाते हैं। निकलते ही उनकी नज़रें ऐसी लाशों पर होती है जिनका कोरोना के चलते निधन हो गया और अब उनके परिवार वालों से लेकर कोई भी और उनका अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं है। वे ऐसी लाशों को अपनी वैन में लादकर उनका देह संस्कार खुद करते हैं। वे रात में अपने घर के पार्किंग एरिया में हीकार के अंदर सोते हैं। क्योंकि वे अपने परिवार वालों के साथ कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहते।
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जितेंद्र ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि कोरोना से हो रही मौतों ने उनकी आत्मा को झकझोर कर रख दिया है।उन्होंने बताया कि उनका ये संस्थान करीब 20 साल से इस तरह की लाशों के पूरे विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार करती आ रहा है। लेकिन कोरोना काल में जिस मात्रा में लाशें आ रही है वो कल्पना से परे है। आपको बता दें कि जितेंद्र को इसी वर्ष उनकी समाज सेवा के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।