मुम्बई, डेस्क रिपोर्ट। 1992 में शेयर बाजार के चर्चित हर्षद मेहता (harshad mehta) मामले को उजागर करने वाली पत्रकार सुचिता दलाल (suchita dalal) ने सहारा को लेकर एक Tweet किया है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा नवगठित सहकारिता मंत्रालय के बारे में Sahara के द्वारा दिए गए विज्ञापन के औचित्य पर सवाल खड़े किए हैं।
अपनी निष्कलंक ईमानदारी और बेदाग छवि व तेज तर्रार कार्यशैली से 1992 में पूरे देश में भूचाल लाने वाली पदम श्री प्राप्त पत्रकार सुचिता दलाल का एक ट्वीट चर्चा में है। ट्वीट में उन्होंने Sahara के द्वारा तीन दिन पहले समाचार पत्रों में दिए गए एक विज्ञापन के बारे में सवाल खड़े किए हैं। दरअसल इस विज्ञापन में सहारा ने केंद्र सरकार द्वारा नवगठित सहकारिता मंत्रालय और नवनियुक्त मंत्री अमित शाह की नियुक्ति पर खुशी जाहिर करते हुए लिखा था कि इससे देश में सहकारिता आंदोलन मजबूत होगा।
सुचेता दलाल ने ट्वीट में लिखा है कि “क्या कोई यह बताएगा कि सहारा, जो निवेशकों का भुगतान नहीं कर रहा है, सहकारिता मंत्रालय से इतना खुश क्यों है ! किसने कहा निवेश किया, क्या कोई कॉर्प कितना बढा सकता है! इसकी सीमा है! क्या अमित शाह और पीएमओ इंडिया हमें बताएंगे! साथ ही सुचेता दलाल ने लिखा है कि “सुब्रतो राय के पूरे परिवार के पास पहले से ही मैसीडोनिया की नागरिकता है। सुब्रतो राय जमानत पर हैं और विदेशी नागरिकता शायद ही प्राप्त नहीं कर सकते। लेकिन भारत में सब संभव है।” सुचेता के इस ट्वीट के जवाब में लोग तरह तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कई लोगों ने सहारा द्वारा पैसे ना लौटाए जाने की शिकायत की है और इस संबंध में कानूनी कार्रवाई के बाद भी प्रशासन द्वारा कार्रवाई न करने की बात कही है।
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दरअसल कृषि मंत्रालय के अधीन आने वाले सहकारिता विभाग को अभी हाल ही में अलग कर नया सहकारिता मंत्रालय बनाया गया है जिसका प्रभार भी गृह मंत्री अमित शाह के पास ही है। सहकारिता विभाग ने सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, स्टार मल्टीपरपज कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, सहारियन यूनिवर्सल मल्टीपरपज कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड और हमार इंडिया क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के खिलाफ जांच करते हुए यह पाया था के इन चारों सोसायटियो के माध्यम से सहारा द्वारा लगभग 86000 करोड रुपया बाजार से लोगों से जुटाया गया।
जिसमें से 42000 करोड रुपए सहारा की ही एक प्रॉपर्टी एंबे वैली में निवेश कर दिया गया। अभी इन सब मामलों की जांच चल रही है। अमित शाह के सहकारिता मंत्री बनने से यह उम्मीद बंधी है कि जल्द ही इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच होगी और लोगों को उनका पैसा वापस मिल सकेगा।
would someone explain why #sahara which is not paying investors is so delighted at Ministry of Cooperation? Where did it invest? Are there caps to how much a coop can raise? Will @AmitShah & @PMOIndia please tell us? Humble request on behalf of #JusticeForSaharaIndiaInvestors pic.twitter.com/XN1GhyPcQE
— Sucheta Dalal (@suchetadalal) July 16, 2021