भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेशभर के जूनियर डॉक्टर्स (Junior doctors) 31 मई यानी आज से हड़ताल (strike) पर चले गए हैं। जेडीए ने इस हड़ताल का ऐलान किया था। अपनी 6 सूत्रीय मांगें न माने जाने के चलते वे हड़ताल कर रहे हैं। इस दौरान आज जनरल ओपीडी बंद कर दी गई है और इमरजेंसी सेवाओं का बहिष्कार किया गया है। वहीं 1 जून से उन्होने कोविड ड्यूटी न करने का फैसला किया है। इस बीच चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Minister Vishwas Sarang) ने इसे जूडा की हठधर्मिता बताया है और कहा है कि इस समय इस समय हड़ताल पर जाना सरासर गलत है।
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सरकार द्वारा लंबित मांगें न मानी जाने पर प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत जूनियर डॉक्टर 31 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इस दौरान उन्होने इमरजेंसी सहित ओपीडी बंद कर दी है और मांगे न मानने की स्थिति में 1 जून से कोविड वॉर्ड में सेवाएं न देने का ऐलान भी किया है।
जूनियर डॉक्टर्स की लंबित मांगें-
(1) रूरल बॉन्ड की मांग के लिए समिति का गठन किया जाना था।
(2) कोविड-19 में लगे चिकित्सकों के परिजनों को भी निशुल्क चिकित्सीय सहायता का लाभ देने की बात हुई थी।
(3) स्टाइपेंड में हर साल 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी को माना गया। यही नहीं पहले साल 24 प्रतिशत स्टाइपेंड बढ़ाने की बात हुई थी।
विश्वास सारंग ने बताया हठथर्मिता, हड़ताल तोड़ने की अपील
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने इसे जूडा की हठधर्मिता बताते हुए कहा है पीड़ित मानवता के समय हड़ताल पर जाना पूरी तरह गलत है। उन्होने कहा कि इस समय हड़ताल पर जाना अनुचित है और सरकार द्वारा उनकी चार मांगें स्वीकार कर ली गई हैं। उनका स्टाइपेंड बढ़ाया जा रहा है और हम ऐसा मेकेनिज्म बना रहे हैं कि अगले सालों में स्वत: स्टाइपेंड बढ़ता रहेगा। इसके बाद अब उन्हें हड़ताल समाप्त कर काम पर लौट आना चाहिए।
आज से प्रदेश भर के जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा 4 मांगें मानी गईं, हठधर्मिता छोड़े जूडा।@VishvasSarang @mohdept pic.twitter.com/6IrX5Of350
— MP Breaking News (@mpbreakingnews) May 31, 2021