कमलनाथ ने कहा ‘प्याज के आंसू रुलाने वालों को जनता रुलाएगी विदाई के आंसू’, महंगाई को लेकर बीजेपी को घेरा

Kamal Nath

नवरात्रि के बाद से प्याज की कीमतों में यकायक उछाल ने आम आदमी को परेशान कर दिया है। ये ऐसी चीज है जिसके बिना रसोई अधूरी है..ऐसे में इसकी कीमतों में दुगनी से भी ज्यादा बढ़ोत्तरी ने लोगों के किचन का बजट बिगाड़ दिया। इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा है कि जनता को प्याज के आंसू रुलाने वालों को जल्द ही जनता विदाई के आंसू रुलाएगी।

प्याज की कीमतों को लेकर बीजेपी को घेरा

प्याज की कीमतों में आग लगी है कुछ दिनों से। 20 से 30 रुपये किलो बिकने वाला प्याज 70 रुपये पार चला गया था। इसी प्याज ने 1998 मं अटल सरकार को गिरा दिया था और फिर 2013 में दिल्ली में शीला दीक्षित सरकार को भी इसके बढ़ते दामों के कारण हार गई थी। अब एक बार फिर प्याज के अचानक बढ़ते दाम ने लोगों को परेशान कर दिया है। वहीं कमलनाथ ने इस मुद्दे पर कहा है कि ‘मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार महँगाई का पर्यायवाची बन गई है। त्योहार के इस मौसम में प्याज़ की क़ीमतें आसमान छू रही हैं, इससे पहले टमाटर भी महँगाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ चुका है। पर्व त्योहार पर उत्सव मनाना तो दूर, आम आदमी के लिए दो वक़्त के भोजन का इंतज़ाम करना भी कठिन हो चुका है। जो लोग जनता को प्याज़ के आंसू रुला रहे हैं, जनता उन्हें भी बहुत जल्द विदाई के आंसू रुलाने वाली है।’

पहले भी सरकार गिरा चुका है प्याज

हालांकि केंद्र सरकार ने मामले को गंभीरत से लेते हुए प्याज के निर्यात का न्यूनतम मूल्य तय कर दिया है। इसके बाद महाराष्ट्र जो प्याज की सबसे बड़ी मंडी है, वहां कीमतों में पिछले सप्ताह की तुलना में पांच से नौ प्रतिशत तक कमी आई है। लेकिन कुछ समय पहले टमाटम के दाम आसमान छू रहे थे और अब प्याज के भाव बढ़ने से आम आदमी की जेब पर खासा असर पड़ा है। या तो उसकी थाली से स्वाद घटा या फिर जेब कटी..दोनों ही स्थितियों में महंगाई की मार है। कांग्रेस लगातार बीजेपी पर महंगाई को लेकर हमलावर है और प्याज की कीमतों में उछाल को लेकर वो फिर उसपर आरोप लगी रही है। कमलनाथ ने तो ये तक कह दिया है कि प्याज के आंसू जल्द ही बीजेपी के लिए विदाई के आंसू बन जाएंगे।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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