‘जल अधिकार’ के बाद अब ‘राईट टू हैल्थ’ लाने की तैयारी में कमलनाथ सरकार

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भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर छह महीने पूरे करने वाले कमलनाथ अब अपने तरीके से सरकार चला रहे हैं| इसमें वे नए नए प्रत्योग भी कर रहे हैं| वहीं जनता को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले इसका उन्होंने नक्शा खींच लिया है| जलसंकट से उभारने के लिए ‘राइट तो वाटर’ कानून ला रही है| ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य होगा| वहीं हर नागरिक को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही ‘राइट टू हेल्थ स्कीम’ लागू करने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसके संकेत देते हुए कहा कि लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए राइट टू हेल्थ की दिशा में विचार करना है। बता दें कि अभी देश में छत्तीसगढ़ सरकार ने इस स्कीम को लागू किया है। यदि मप्र लागू करता है तो देश में राइट टू हेल्थ स्कीम लागू करने वाला दूसरा राज्य होगा। 

पिछले दिनों वल्लभ भवन में जब चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने उनके सामने भविष्य की योजनाओं का खाका खींचने की कोशिश की तो कमलनाथ ने उन्हें तुरंत रोकते हुए साफ कह दिया कि वे भविष्य की स्वप्निल योजनाओं के बजाय वास्तविकता के धरातल पर काम करना ज्यादा पसंद करते हैं। कमलनाथ ने एक बड़ा कदम लेते हुए भोपाल मेमोरियल अस्पताल को पीजी इंस्टीट्यूट के रूप में विकसित करने के लिए अधिकारी को प्रस्ताव तैयार करने को कहा। जल्द ही यह प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा और केंद्र की अनुमति के बाद भोपाल मेमोरियल अस्पताल पीजी इन्सटीट्यूट के रूप में विकसित किया जाएगा। ऐसा होने के बाद मध्य प्रदेश के लिए भोपाल चिकित्सा हब बन जाएगा जहां एक साथ गांधी मेडिकल कॉलेज, एम्स और पीजी इंस्टीट्यूट जैसी सुविधाएं उपलब्ध होगी। दरअसल ‘राइट टू हेल्थ स्कीम’ के तहत कमलनाथ की सोच मध्य प्रदेश की सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को इस तरह से विकसित करना है । आम आदमी वहां पर निजी अस्पतालों बेहतर और सुविधाजनक इलाज करा सके और उसकी जेब पर बोझ न पड़े। 


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