नई दिल्ली।
मध्यप्रदेश के सियासी माहौल में पल पल होता बदलाव काफी कुछ संकेत कर रहा है। पहले हॉर्स ट्रेडिंग(horse trading) के मामले पर मचा बवाल और फिर विधायकों का अपने ही सरकार से नाराज होना कमलनाथ(kamalnath government) सरकार की मुश्किलें बढ़ा रहा है। गए विधायकों की वापसी से कांग्रेस को बड़ी राहत मिली है लेकिन खुद के विधायकों की बयानबाजी से कमलनाथ परेशान है। इसी मामले को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी(sonia gandhi) से दिल्ली में मुलाकात की। इस लंबी चर्चा के बाद सीएम(cm) ने मीडिया(media) से बात करते हुए बताया कि प्रदेश में घट रही राजनीतिक परिस्थितियों के बारे में उन्होंने अंतरिम अध्यक्ष से बात की। जहां कांग्रेस अध्यक्ष से उन्हें कुछ मार्गदर्शन मिले जिनका वह पालन करेंगे। में कांग्रेस(congress) विधायकों के लापता होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि विधायकों का कहना है कि वह तीर्थ पर गए थे। हमें वहीं मानना चाहिए।
दरअसल एक हफ्ते से गायब चल रहे हैं विधायक बिसाहूलाल सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि वह कांग्रेस से नाराज थे इसलिए चले गए थे। विधायक ने यह भी कहा था कि वह तीर्थ पर थे और अपने परिवार के लगातार संपर्क में थे। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का सबसे वरिष्ठ हूं, इस कारण मुझे मंत्री बनाया जाना चाहिए लेकिन कमलनाथ सरकार से कोई नाराजगी नहीं रह गई है। जिले का विकास होगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि बीजेपी के साथ उनका कोई संपर्क नहीं है।
बता दे कि पिछले सप्ताह से कांग्रेस के कुछ विधायक अचानक से लापता हो गए थे। जिसका इल्जाम कांग्रेसी खेमा भाजपा पर लगा रहा था। हालांकि कुछ दिनों के बाद विधायकों के बेंगलुरु में होने की सूचना मिली थी। बाकी वापस आए विधायकों में से किसी ने भी बंधक बनाए जाने की बात नहीं कुबूली है। वहीं कांग्रेस विधायकों के बीच मंत्री बनने को लेकर चर्चा आम है। अब देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के मार्गदर्शन पर चलकर क्या कमलनाथ इस सारे प्रकरण को शांत कर पाते हैं।