कमलनाथ ने कहा ‘शिवराज जी, समझदार को इशारा काफी है, इस बार मध्य प्रदेश में होगा बदलाव’

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कमलनाथ ने कहा है कि अब मध्य प्रदेश की जनता बीजेपी से त्रस्त हो चुकी है और इस बार बदलाव होगा। उन्होने कहा कि हर वर्ग परेशान है और लोग बीजेपी की दिखावटी, बनावटी, मिलावटी और सजावटी सरकार से ऊब चुके हैं। वो लगातार बीजेपी पर भ्रष्टाचार, घोटालों, अन्याय, अत्याचार का आरोप लगा रहे हैं और कह रहे हैं कि इस बार जनता जवाब देगी।

कमलनाथ ने किया ट्वीट

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘श्रीरामचरितमानस में लक्ष्मण जी को समझाते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने कहा-जासु राज प्रिय प्रजा दुखारी। सो नृपु अवसि नरक अधिकारी।। शिवराज जी, समझदार को इशारा काफी होता है। मध्यप्रदेश में किसान दुखी हैं, मध्यप्रदेश में जवान दुखी हैं, मध्यप्रदेश में बुजुर्ग दुखी हैं, मध्यप्रदेश में माताएं-बहनें दुखी हैं, मध्यप्रदेश में दलित और आदिवासी दुखी हैं। उनके दुख का कारण डबल स्पीड पर चलने वाली आपकी झूठ मशीन है। आपकी दिखावटी, बनावटी, सजावटी और मिलावटी सरकार ने भारत के हृदय प्रदेश को विदीर्ण कर दिया है। जनता त्राहि त्राहि कर रही है। अब बदलाव होगा और जनकल्याण करने वाली सरकार मध्यप्रदेश में बनेगी।’

खुशहाली लाने का वादा

इससे पहले ही वो आरोप लगाते आए हैं कि बीजेपी ने मध्य प्रदेश को महिला उत्पीड़न तथा आदिवासियों दलितों पर अत्याचार के मामले में नंबर वन बना दिया है। कमलनाथ का कहना है कि विकास और जनकल्याण के झूठे वादे कर बीजेपी ने जनता से छल किया है और पिछसे 18 सालों से लगातार उसके झूठ का सिलसिला जारी है। लेकिन इस बार के चुनाव मध्य प्रदेश के भविष्य का चुनाव है और लोग अब उसके झूठ का जवाब देंगे। उन्होने जनता से आह्वान करते हुए कहा कि वो पार्टी या उम्मीदवार को नहीं बल्कि इस प्रदेश के उज्जवल भविष्य को ध्यान रखते हुए अपना वोट दें। कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस का वादा है मध्य प्रदेश में खुशहाली लाने का और उनकी सरकार बनने पर हर व्यक्ति हर वर्ग के कल्याण के लिए काम करने को वो प्रतिबद्ध हैं।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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