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Thu, Dec 18, 2025

कमलनाथ का आरोप ‘मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएँ बनीं मौत बाँटने का अड्डा’, इंदौर के अस्पताल में चूहों के कारण नवजात शिशुओं की मौत पर उठाए सवाल

Written by:Shruty Kushwaha
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पूर्व मुख्यमंत्री ने एमवाय अस्पताल प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि उनका रवैया इतना ढीला है कि मौत के बाद भी अधिकारी छुट्टियों और इंटरव्यू में व्यस्त पाए गए। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था दम तोड़ चुकी है और इंदौर की यह शर्मनाक घटना इस आरोप को सही साबित करती है।
कमलनाथ का आरोप ‘मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएँ बनीं मौत बाँटने का अड्डा’, इंदौर के अस्पताल में चूहों के कारण नवजात शिशुओं की मौत पर उठाए सवाल

Kamal Nath

इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहों के कारण दूसरे नवजात शिशु की मौत ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी विफलता बताया और कहा कि प्रदेश में अस्पताल अब जीवन बचाने के बजाय “मौत बाँटने का अड्डा” बन चुके हैं।

उन्होंने कहा कि जिस वार्ड में इंसानों के अलावा कुछ भी ले जाना मना है, वहाँ चूहों की मौजूदगी कोई साधारण लापरवाही नहीं बल्कि पूरे सिस्टम की नंगी सच्चाई है। उन्होंने कहा ‘अस्पताल प्रशासन का रवैया इतना ढीला है कि मौत के बाद भी अधिकारी छुट्टियों और इंटरव्यू में व्यस्त पाए गए। विभागाध्यक्ष से लेकर यूनिट प्रभारी तक ने कंधे झाड़ लिए और नोटिस जारी कर अपना पल्ला झाड़ लिया। मुख्यमंत्री तक को कहना पड़ा कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे लेकिन हकीकत यह है कि यही लापरवाही दो नन्हीं जानें निगल चुकी है।’

इंदौर की घटना पर कमलनाथ ने सरकार को घेरा

कांग्रेस ने फिर मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। कमलनाथ ने इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहों के आतंक के कारण नवजात शिशुओं की मौत पर सरकार को घेरा है। कमलनाथ ने इसे सीधा-सीधा अपराध करार देते हुए कहा कि इन मौतों को ‘दुर्घटना’ या ‘लापरवाही’ कहकर टाला नहीं जा सकता। जब अस्पताल के अंदर चूहे खुलेआम नवजातों पर हमला कर रहे हैं तो यह प्रशासन की घोर असफलता है।

पूछा ‘क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी’

विपक्ष ने बीजेपी सरकार पर स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त करने का आरोप लगाया है। कमलनाथ ने कहा कि अगर राजधानी और बड़े शहरों के अस्पतालों की यह स्थिति है, तो छोटे ज़िलों और ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाओं का अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है। उन्होंने सवाल किया कि ‘यह घटना सिर्फ दो मासूमों की मौत नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए चेतावनी है। सवाल यह है कि क्या सरकार दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेगी या फिर नोटिस और बयानबाज़ी में ही मामला रफा-दफा कर देगी?’