इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहों के कारण दूसरे नवजात शिशु की मौत ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी विफलता बताया और कहा कि प्रदेश में अस्पताल अब जीवन बचाने के बजाय “मौत बाँटने का अड्डा” बन चुके हैं।
उन्होंने कहा कि जिस वार्ड में इंसानों के अलावा कुछ भी ले जाना मना है, वहाँ चूहों की मौजूदगी कोई साधारण लापरवाही नहीं बल्कि पूरे सिस्टम की नंगी सच्चाई है। उन्होंने कहा ‘अस्पताल प्रशासन का रवैया इतना ढीला है कि मौत के बाद भी अधिकारी छुट्टियों और इंटरव्यू में व्यस्त पाए गए। विभागाध्यक्ष से लेकर यूनिट प्रभारी तक ने कंधे झाड़ लिए और नोटिस जारी कर अपना पल्ला झाड़ लिया। मुख्यमंत्री तक को कहना पड़ा कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे लेकिन हकीकत यह है कि यही लापरवाही दो नन्हीं जानें निगल चुकी है।’
इंदौर की घटना पर कमलनाथ ने सरकार को घेरा
कांग्रेस ने फिर मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। कमलनाथ ने इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहों के आतंक के कारण नवजात शिशुओं की मौत पर सरकार को घेरा है। कमलनाथ ने इसे सीधा-सीधा अपराध करार देते हुए कहा कि इन मौतों को ‘दुर्घटना’ या ‘लापरवाही’ कहकर टाला नहीं जा सकता। जब अस्पताल के अंदर चूहे खुलेआम नवजातों पर हमला कर रहे हैं तो यह प्रशासन की घोर असफलता है।
पूछा ‘क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी’
विपक्ष ने बीजेपी सरकार पर स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त करने का आरोप लगाया है। कमलनाथ ने कहा कि अगर राजधानी और बड़े शहरों के अस्पतालों की यह स्थिति है, तो छोटे ज़िलों और ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाओं का अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है। उन्होंने सवाल किया कि ‘यह घटना सिर्फ दो मासूमों की मौत नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए चेतावनी है। सवाल यह है कि क्या सरकार दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेगी या फिर नोटिस और बयानबाज़ी में ही मामला रफा-दफा कर देगी?’
मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएँ अब जीवन बचाने के बजाय मौत बाँटने का अड्डा बन चुकी हैं। ताज़ा उदाहरण है इंदौर का एमवाय अस्पताल, जहाँ एनआईसीयू में चूहों के आतंक से दूसरी नवजात की मौत हो गई। सवाल यह है कि जिस वार्ड में इंसानों के अलावा कुछ भी ले जाना मना है, वहाँ चूहों की मौजूदगी… pic.twitter.com/PR58s4zGBy
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 4, 2025





