Madhya Pradesh : कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लिखा पत्र, की ये बड़ी मांग

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पूर्व मुख्‍यमंत्री कमल नाथ (Former Chief Minister Kamal Naath) ने प्रदेश के 30 हजार से अधिक शासकीय स्‍कूलों (Government School) में चयनित शिक्षकों (Teachers) की भर्ती प्रक्रिया को तत्‍काल शुरू करने की मांग की है।इसके लिए कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज को पत्र लिखा है।

उन्‍होंने कहा कि इन पदों पर भर्ती की सारी प्रक्रियाऐं कांग्रेस सरकार (Congress Government) ने पूरी कर ली थी। इसमें अं‍तिम चरण में मात्र दस्‍तावेजों का सत्‍यापन किया जाना था लेकिन भाजपा सरकार (BJP Government) आने के बाद इस प्रक्रिया को पूरी न करने के कारण प्रदेश में शिक्षा व्‍यवस्‍था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

सरकार गिराने के चलते अधूरा रह गया था काम

कमल नाथ (Kamal Naath) ने मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) को इस संबंध में लिखे पत्र में कहा कि वर्ष 2011 के बाद से प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती (Recruitment of Teachers) नहीं की गई थी। इसके कारण कई शासकीय स्‍कूल शिक्षक विहीन थे। इस कमी को दूर करने और शिक्षा का स्‍तर सुधारने के लिए प्रदेश के 19 हजार से अधिक उच्‍चतर माध्‍यमिक एवं 11 हजार से अधिक माध्‍यमिक शालाओं में शिक्षकों की नियुक्ति होना थी। कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान इन पदों पर भर्ती की सभी औपचारिकताऐं पूरी कर लीं थी। अंतिम चरण में दस्‍तावेजों का सत्‍यापन किया जाना था, जो कि भाजपा (BJP) द्वारा कांग्रेस की चुनी हुई सरकार को गिराने के कारण पूरा न हो सका।

रोक के चलते अभ्यर्थियों में रोष व्याप्त

कमल नाथ ने कहा कि कोरोना और परिवहन (Transportation) व्‍यवस्‍था उपलब्‍ध न होने की आड़ में भाजपा ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। आज अनलॉक (Unlock) व्‍यवस्‍था हुए काफी समय हो गया है लेकिन अभी भी भर्ती प्रक्रिया को रोक कर रखा गया है। इसके कारण चयनित अभ्‍यर्थियों में आक्रोश व्‍याप्‍त है। वे अधर में लटके हुए हैं और अपनी नियुक्ति की लंबे समय से बांट जोह रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस सरकार इन शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कटिबद्ध थी लेकिन सत्‍ता परिवर्तन के कारण यह संभव नहीं हो सका।कमल नाथ ने मुख्‍यमंत्री से कहा है कि वे चयनित अभ्‍यर्थियों को शिक्षक पद पर नियुक्ति देने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने का कार्य करे ताकि प्रदेश में शिक्षण कार्य को सुव्‍यवस्थित रूप से किया जा सके।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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