भोपाल। मप्र में आयकर छापों की तीखी प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। कमलनाथ सरकार पूरे एक्शन में नजर आ रही है। शिवराज के खास अफसरों, उनके मंत्रियों, भाजपा पदाधिकारियों सहित लगभग 100 लोगों के मोबाइल फोन पर सरकार की नजर है। पूरे प्रदेश में खुफिया तंत्र को सक्रिय किया गया है। राज्य सरकार भाजपा के चुनावी फंड पर नजर बनाए हुए है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को भाजपा नेताओं, पूर्व मंंत्रियों और नौकरशाहों के यहां छापेमारी की पूरी छूट दे दी गई है। यह भी खबर है कि चुनाव में उपयोग होने वाले पैसे को जब्त करने प्रदेश भाजपा कार्यालय पर छापा मारने की तैयारी थी, लेकिन भाजपा को इसकी भनक लग गई इसके बाद यह कार्रवाही टाल दी गई। शिवराज के खास नौकरशाह अपने घरों से नगदी और दस्तावेज हटाने का काम कर रहे हैं।
पुलिस मुख्यालय की खुफिया शाखा के अलावा कमलनाथ सरकार अपने सूत्रों से भी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों के लिए दिल्ली से भाजपा ने कितना पैसा भेजा है। यह पैसा कहां रखा है। इसे कैसे जब्त किया जा सकता है। भाजपा के मैनेजरों और शिवराज के नजदीकी अधिकारियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। आने वाले कुछ दिनों में पुलिस और ईओडब्ल्यू मिलकर कुछ बड़े छापे डाल सकते हैं। शिवराज के बेहद नजदीक रहे लगभग आधा दर्जन आईएएस अधिकारी सरकार के निशाने पर हैं। इसके अलावा एक पूर्व मंत्री की संपत्ति का ब्यौरा भी एकत्रित किया जा रहा है। इस पूर्व मंत्री पर आयकर विभाग 9 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप लगा चुका है। फिलहाल इन्होंने कोर्ट से स्टे ले रखा है। ग्वालियर में इनकी होटल और भोपाल में किए गए निवेश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। इसी प्रकार विंध्य के एक पूर्व मंत्री और उनके आईएएस रिश्तेदार का सीहोर जिले में किए गए निवेश के दस्तावेज भी एकत्रित किये जा रहे हैं।
अश्विनी दे सकता है साथ
आयकर विभाग ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी का नजदीकी मानकर जिस अश्विनी शर्मा के घर छापा डाला है वह कमलनाथ सरकार की बड़ी मदद कर सकता है। सूत्रों का कहना है कि अश्विनी शर्मा के पास शिवराज सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों का काफी काला चिट्ठा है। यदि अश्विनी ने मुंह खोला तो शिवराज सरकार के मंत्रियों और अफसरों के कई रहस्य उजागर हो सकते हैं।