भोपाल।
विधानसभा सत्र से पहले एक बार फिर कमलनाथ मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो चली है। खबर है कि भाजपा द्वारा अल्पमत की सरकार का मुद्दा बार-बार उठाने को देखते हुए कमलनाथ बजट सत्र से पहले विधायकों को साधने की कवायद करते हुए विस्तार कर सकते हैं। इस विस्तार में छह विधायकों को मंत्री बनाए जाने की चर्चा चल पड़ी है। विस्तार में सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों को शामिल किया जा सकता है। वही कुछ मंत्रियों के इस्तीफे भी लिए जा सकते है।इस बात के संकेत मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र से मिले हैं।
दरअसल, एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी को इस संबंध में एक पत्र लिखा है । जिसमें कहा गया है कि प्रदेश के बड़े नेता (कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया) अपने कोटे से दो-दो मंत्रियों की संख्या कम कर दें तो 6 पद खाली हो जाएंगे। इनके एवज में निर्दलियों को मंत्री बना दिया जाए। इससे भाजपा द्वारा सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिशों पर रोक लगाई जा सकती है। पत्र में यह भी कहा गया है कि यद्यपि प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। खास बात तो ये है कि बीते कई दिनों से कमलनाथ दिल्ली में डेरा डाले हुए है और लगातार बड़े नेताओं के संपर्क मे ंहै, बैठके लेकर रहे है, हाल ही में दिल्ली में उन्होंने डिनर के लिए भी कई नेताओं को बुलाया था, ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि विधानसभा सत्र से पहले कमलनाथ मंत्रीमंडल का विस्तार कर बीजेपी के आरोपों से बच सकते है।
अगर अभी की स्थिति की बात की जाए तो मंत्रिमंडल में अभी 28 मंत्री है, जिसमें सबसे ज्यादा 10 मंत्री कमलनाथ कोटे से हैं, जबकि दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के कोटे से सात-सात मंत्री है। इनमें से दो दो मंत्रियों के पदों को खाली करने की बात कमलनाथ द्वारा कही गई है।अगर ऐसा होता है तो छह नए विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिल सकता है।हालांकि विधायक कई बार इसके लिए नाराजगी भी जता चुके है।इनमें सुरेंद्र सिंह ठाकुर, केदार डाबर और विक्रम सिंह राणा, सपा के इकलौते विधायक राजेश शुक्ला और बसपा से संजीव कुशवाह और रामबाई शामिल हैं। इनमें से पांच को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
कई मंत्रियों से लिए जा सकते है इस्तीफे
मीडिया रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया गया है कि मंत्रिमंडल विस्तार के लिए नाथ कुछ मंत्रियों से इस्तीफे भी ले सकते है।इनमें वो मंत्री शामिल होगें जिनका बीते छह महिनों में बहुत ही खराब प्रदर्शन रहा, जिनकी वजह से सरकार की किरकिरी हुई, जो स्थिति संभालने में नाकामयाब रहे।जिनके कारण सरकार को शुरु से ही आलोचनाओं और नाराजगी का सामना करना पड़ा। जो अब तक कोई बेहतर प्रदर्शन नही दिखा पाए।संभावना जताई जा रही है कि ऐसे आधा दर्जन मंत्रियों से इस्तीफे लेकर सरकार नए चेहरों को मौका दे सकती है।
अभी छह मंत्री पद रिक्त
प्रदेश मंत्रिमंडल में अभी मुख्यमंत्री सहित 29 सदस्य हैं। छह मंत्री पद रिक्त हैं। कमलनाथ सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार 28 कैबिनेट मंत्रियों को शामिल किए जाने के साथ हुआ था। अगर दो निर्दलीय और बसपा-सपा के तीनों विधायकों को मंत्री बना भी दिया जाता है, तब भी मंत्रिमंडल में एक पद रिक्त रहेगा।