‘पत्नी खराब खाना बनाती है तो ये क्रूरता नहीं’ इस आधार पर पति की तलाक की याचिका को हाईकोर्ट ने किया खारिज

Kerala High Court

Kerala High Court : अगर पत्नी को खाना बनाना नहीं आता या वो खराब खाना बनाती है तो इसे क्रूरता नहीं माना जा सकता है। केरल हाईकोर्ट ने क्रूरता के आधार पर तलाक की मांग वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि अगर पत्नी को खाना बनाना नहीं आता तो ये बात क्रूरता की श्रेणी में नहीं आती है और इस आधार पर विवाह विच्छेद नहीं किया जा सकता।

क्या है मामला

केरल हाईकोर्ट अपने फैसलों के लिए अक्सर ही चर्चाओं में रहता है। अब एक बार फिर ऐसा ही फैसला सुनाया गया है। दरअसल एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी से तलाक लेने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी। पति का आरोप था कि उसकी पत्नी को खाना बनाना नहीं आता है। इसी के साथ याचिकाकर्ता ने ये भी कहा कि पत्नी उसके साथ दुर्व्यवहार करती है और रिश्तेदारों के सामने अपमानित करती है। ये भी कहा गया कि पत्नी ने नौकरी को खतरे में डालने की मंशा से कंपनी में उसकी शिकायत की, उसके ऊपर थूका और उसे खुद से दूर करने के लिए ये सब किया गया।

पत्नी ने किया आरोपों से इनकार

हालांकि पत्नी ने अपने बचाव में इन सारे आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उसका पति यौन हिंसा से पीड़ित है। वो उसके शऱीर का मजाक उड़ाता है। महिला ने कहा कि उसका पति मानसिक समस्या से जूझ रहा है और उसने दवा लेना बंद कर दी है। पत्नी ने अदालत को बताया कि वो इस शादी को बनाए रखना चाहती है और कंपनी को भी इसी इरादे से ईमेल किया था।

अदालत ने सुनाया फैसला

इस मामले पर अदालत ने पत्नी द्वारा पति की कंपनी को भेजे गए ईमेल को पढ़ा जिसके बाद अदालत ने पाया कि वो अपने पति के व्यवहार को लेकर चिंता में थी। वो केरल से यूएई चला गया था और पत्नी उसके बदले हुए व्यवहार से परेशान हो कर कंपनी से मदद मांग रही थी। इस मामले में पति ने अपनी याचिका में पत्नी में खाना न बनाने की स्किल होने की बात कही थी। इसे लेकर जस्टिस अनिल के. नरेंद्रन और सोफी थॉमस की पीठ ने कहा कि खराब खाना बनाने को शादी खत्म करने के लिए क्रूरता नहीं कहा जा सकता है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि वो एक पक्ष तलाक को उचित ठहराने वाले पर्याप्त आधारों के बिना शादी को खत्म करने का एकतरफा फैसला नहीं ले सकता है। इसी के साथ तलाक की इस याचिका को खारिज कर दिया गया।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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