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Sat, Dec 20, 2025

किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटाया, लक्ष्मी शर्मा को भी आचार्य महामंडलेश्वर पद और अखाड़े से निष्कासित किया

Written by:Shruty Kushwaha
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यह कार्रवाई किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास द्वारा की गई, जिन्होंने ममता कुलकर्णी के धार्मिक परंपराओं का विधिवत पालन न करने के कारण पद से हटा दिया है। वहीं, लक्ष्मी त्रिपाठी पर आरोप है कि उन्होंने बिना किसी अनुमति के और परंपराओं का पालन कराए बगैर ममता को महामंडलेश्वर बना दिया, जिससे अखाड़े में विवाद पैदा हुआ।
किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटाया, लक्ष्मी शर्मा को भी आचार्य महामंडलेश्वर पद और अखाड़े से निष्कासित किया

Mamta Kulkarni expelled from Kinnar Akhara  : किन्नर अखाड़े ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है। साथ ही, आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी उनके पद से हटाकर अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है। यह कार्रवाई किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास द्वारा की गई है।

हाल ही में ममता कुलकर्णी ने प्रयागराज महाकुंभ के दौरान संन्यास की दीक्षा ली थी। पिंडदान और संगम में डुबकी के बाद किन्नर अखाड़े द्वारा ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक किया गया था। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उन्हें किन्नर अखाड़े में सम्मिलित किया था और उनके जीवन के इस नए अध्याय पर खुशी भी जाहिर की थी।

किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटाया

पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने कुछ दिन पहले ही महाकुंभ के दौरान संन्यास की दीक्षा ली थी और इसके बाद उन्हें किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर नियुक्त किया गया था। हालांकि, इस निर्णय के बाद से ही विवाद उत्पन्न हो गया था। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने कहा कि ममता कुलकर्णी को धार्मिक परंपराओं का पालन नहीं किया है और इसी कारण ये निर्णय लिया गया है। बता दें कि ममता को महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद इसे लेकर काफी विवाद हुआ था और कई साधु संत लगातार इसका विरोध कर रहे थे।

लक्ष्मी त्रिपाठी को भी पद से हटाकर किन्नर अखाड़े से निष्कासित किया

इसी के साथ, ऋषि अजय दास ने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी उनके पद से मुक्त कर दिया है। उन्होंने वर्ष 2019 का उल्लेख करते हुए कहा कि लक्ष्मी त्रिपाठी ने पहले भी बिना किसी सहमति के जूना अखाड़े के साथ अनुबंध किया था, जो अनैतिक और असंवैधानिक है। इस विवाद के कारण किन्नर अखाड़े में आंतरिक कलह बढ़ गई और संत समाज में भी नाराजगी थी। इसके बाद बिना वैराग्य के रास्ते पर गए ममता कुलकर्णी को सीधे महामंडलेश्वर की उपाधि देने और पट्टाभिषेक करने के कारण अब लक्ष्मी त्रिपाठी को भी उनके पद से मुक्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किन्नर समाज के उत्थान के लिए उनकी नियुक्ति की गई थी लेकिन वो अपनी जिम्मेदारियों से भटक गई हैं, इसीलिए उन्हें हटाया जा रहा है। जल्द ही उन्हें इस बात की लिखित सूचना दे दी जाएगी।