कभी सिंधिया के प्रतिनिधि थे यह नेता, अब चुनावी मैदान में देंगे टक्कर

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अशोकनगर|  (हितेन्द्र बुधौलिया) आज जैसे ही भाजपा ने गुना संसदीय सीट से  डॉ. केपी. यादव को अपना उम्मीदवार घोषित किया तो इस हाई प्रोफाइल सीट पर भाजपा की गंभीरता सामने आ गई। अब तक ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ भाजपा ने जितने उम्मीदवार उतारे है उनमें डॉ यादव सबसे कमजोर प्रत्याशी माने जा रहे है। कुछ समय पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीएम पद से हटने के ���ाद अशोकनगर आये थे । उस समय उनसे  सवाल पूछा गया था कि छिंदवाड़ा और गुना जैसी हाई प्रोफाइल सीट को लेकर बीजेपी कोई खास रणनीति पर काम कर रही है क्या? शिवराज ने लगभग सवाल को टालते हुये कहा था अभी से बता दिया तो रणनीति क्या रहेगी। सिंधिया परिवार पर लगने बाला पुराना आरोप आज फिर मुह बाये खड़ा है कि उनके खिलाफ कभी दमदार उम्मीदवार क्यो नही उतरता ? हालांकि इसका जवाब भाजपा के बड़े नेता ही बता सकते है। 

सोशल मीडिया का दौर है साहब कहने वाले कहाँ चूकने वाले हैं। भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा होते ही सेटिंग का मसला हवा में तैर गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ भाजपा ने पहले जिन लोगो को मैदान में उतारा उनमें देशराज सिंह यादव, हरिबल्लभ शुक्ला, नरोत्तम मिश्रा एवं जयभान सिंह पवैया सभी का राजनीतिक ग्राफ निसन्देह अबके उम्मीदवार से जायदा था। ड़ॉ साहब अब तक के सबसे युवा चहेरे जरूर बन गए है। माना जा रहा है कि इस बार सिंधिया के खिलाफ कोई भी बड़ा नेता चुनाव लड़ने तैयार नही हुआ तो आखिर में डॉ केपी यादव को चुना गया है।


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