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Sat, Dec 20, 2025

लाड़ली बहना योजना : जीतू पटवारी ने बीजेपी को घेरा, कहा ‘सरकारी उपकार से ज्यादा जरूरी है सुरक्षा, सम्मान, सुविधा और स्वास्थ्य’

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने अब तक बहनों की राशि बढ़ाने का वादा पूरा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि तीन हज़ार रूपए भी उनकी हर महीने की जरूरतें पूरी करने के लिए अपर्याप्त है, लेकिन सरकार साढ़े बारह सौ देकर ही एहसान जता रही है। इसी के साथ उन्होंने मंडला अंचल की महिलाओं की समस्याओं को लेकर भी सवाल किए।
लाड़ली बहना योजना : जीतू पटवारी ने बीजेपी को घेरा, कहा ‘सरकारी उपकार से ज्यादा जरूरी है सुरक्षा, सम्मान, सुविधा और स्वास्थ्य’

Ladli Behna Yojana : जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पर लाड़ली बहना योजना और मंडला की महिलाओं की समस्याओं को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने मंडला में इस बार भी लाड़ली बहनों को 3000 की बजाय 1250 राशि दी है और क्या वे वहां की असल समस्याएं जानते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि ‘मैं दो महीने पहले मंडला गया था। वहां की महिलाओं ने बीजेपी सरकार की उपेक्षा और संकट की कई कहानियां सुनाई। उपेक्षा और अपमान के कई किस्से सामने आए। मां नर्मदा के आंचल में बसे मंडला में आदिवासी संस्कृति की गूंज है, लेकिन दुख की बात है कि इसी समाज की बहन-बेटियां सबसे ज्यादा पीड़ित हैं।’

जीतू पटवारी ने सरकार को घेरा

जीतू पटवारी ने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना की राशि अब तक नहीं बढ़ाई गई है और चुनावी वादे अब तक अधूरे पड़े हैं। उन्होंने मंडला में महिलाओं की समस्याएं गिनाते हुए कहा कि ‘आंगनबाड़ियों में महीनों तक पोषण आहार नहीं मिलता है। गर्भवती महिलाएं और बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। दर्जनों गांवों में हैंडपंप सूखे पड़े हैं। महिलाएं आज भी कई किलोमीटर पानी ढोती हैं। जननी एक्सप्रेस समय पर नहीं आती, अस्पतालों में डॉक्टर और दवाइयों की भारी कमी है। गांवों की सड़कें खराब हैं। रात में सड़कों पर लाइट नहीं, जंगल के पास की बस्तियों में महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है।’

महिलाओं की समस्याओं को लेकर किए सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ‘सबसे बड़ी विडंबना ये है कि कई महिलाएं अभी तक लाड़ली बहना योजना की पात्रता से बाहर हैं या फिर महीनों से उनके खाते में पैसे नहीं आए हैं। 3000 प्रतिमाह भी जरूरतें पूरी करने के लिए काफी नहीं हैं, लेकिन आप 1250 देकर एहसान जता रहे हैं। इस सरकारी उपकार से ज्यादा जरूरी है सुरक्षा, सम्मान, सुविधा और स्वास्थ्य।’ उन्होंने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री वास्तव में मंडला की महिलाओं की पीड़ा को समझते हैं या सिर्फ प्रचार की राजनीति कर रहे हैं।