भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में संविदा कर्मी (Contract workers) लंबे समय से वेतन वृद्धि (increment) की मांग कर रहे हैं। प्रदेश के करीब 1 लाख 20 हजार संविदा कर्मी (Contractual MP Employees) द्वारा विभिन्न विभागों से वजन बढ़ाने की अपील की है। इसके लिए कई फाइलें (files) अभी वित्त विभाग (finance department) में अटकी हुई है। हालांकि संविदाकर्मी को वेतन वृद्धि के लिए नीति बनाने के साथ ही उनके नियमित पदों की तुलना में 90 फीसद वेतन देने का प्रावधान भी किया गया है।
हालांकि इसके लिए कई विभागों द्वारा अभी फाइल का अनुमोदन नहीं किया गया है। जबकि महिला बाल विकास विभाग, खेल विभाग, राजस्व विभाग सहित प्रशासन अकादमी के कुछ विभागों में काम करने वाले संविदा कर्मियों के वेतन वृद्धि से जुड़े प्रस्ताव पर सहमति दी जा चुकी है। वेतन नहीं बढ़ने से एक लाख से अधिक संविदा कर्मी परेशान है। जिसके बाद लगातार शासन प्रशासन से इस मामले में गुहार लगा रहे हैं।
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इस बीच कर्मचारियों द्वारा वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से भी मुलाकात की गई थी। वहीं कई विभागों में अभी संविदा कर्मियों के वेतन वृद्धि की फाइल अटकी पड़ी हुई है। राज्य शिक्षा केंद्र सहित 12 से अधिक विभागों में इस फाइल को अनोमोदन की मंजूरी नहीं मिली है। ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश में संविदा कर्मी केंद्र सरकार की योजनाओं में कार्यरत हैं। वहीं योजनाओं के करोडों रुपए अभी ऐसे हैं। जिनका उपयोग नहीं किया जा रहा है। वही 31 मार्च को हर वर्ष की तरह करोड़ों रुपए लेप्स हो जाएंगे।
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मध्य प्रदेश में जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा संविदा कर्मियों के लिए एक नीति तैयार की गई थी। जिसमें संविदा कर्मचारियों को नियमित करने सहित उनके वेतन विभागों में खाली नियमित कर्मचारी के समकक्ष 90 फीसद होने के साथ ही DA जाने का प्रावधान किया गया था। इसके बाद से संविदा कर्मी इस नीति के अनुरूप वेतन की मांग कर रहे है। वहीं मध्यप्रदेश में जल्द ही बजट सत्र में संविदा कर्मचारियों को लेकर सरकार बड़े ऐलान कर सकती है।