MP BJP MLA Narayan Tripathi Letter : शाहरुख खान-दीपिका पादुकोण की नई फिल्म पठान का विरोध मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़ता जा रहा है। बीजेपी नेताओं और मंत्री के बाद अब अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले सतना जिले की मैहर विधानसभा (Maihar Assembly seat) बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने भी विरोध जताते हुए केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सूचना एवं प्रसारण विभाग, भारत सरकार को पत्र लिखा है।
बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने पत्र में लिखा है कि त्रिपाठी ने पठान में भगवा रंग के अपमान से देशवासियों की आहत हो रही भावनाओं को लेकर फिल्म में सुधार कराने, अन्यथा प्रदर्शन पर रोक लगाये जाने की बात कहीं है। निकट भविष्य में रिलीज होने जा रही हिन्दी फीचर फिल्म पठान में भगवा रंग को बेशर्म रंग गाया जाकर अत्यंत आपत्तिजनक सीन फिल्माये गये हैं। निश्चित ही फिल्म निर्माता के इस कुत्सित प्रयास से हमारे साधु-संत, महात्मा और भगवा वस्त्र धारण करने वाले हमारे आराध्य देवी देवताओं का अपमान हुआ है।
बीजेपी विधायक ने पत्र में लिखा है कि मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम, माता जानकी एवं लक्ष्मणजी ने भी वनवास काल में हमारी विन्ध्यधरा के चित्रकूट धाम में आकर केवल एक वल्कल भगवा रंग धारण किया था, हमारे विन्ध्य सहित संपूर्ण देश में भगवा रंग साधु-संतो, तपस्वियों, देवी-देवताओं व पूजा-पाठ के अवसरों पर सनातनियों द्वारा धारण किया जाता है। यही रंग सनातनियों के धर्म-ध्वजा का भी प्रतीक है। इस तरह से लक्षित कर भगवा रंग का अपमान भारतीय संस्कृति का अपमान भी है, जो सभ्य समाज को स्वीकार्य नहीं है।
BJP विधायक ने लिखा है कि फिल्म पठान में फिल्माये गये आपत्तिजनक व अपमानजनक दृश्यों को लेकर तमाम हिन्दू व मुस्लिम संगठनों, संत-महात्माओं और सभ्य समाज के लोगों ने विरोध जताया है। आपसे विनम्र आग्रह है कि केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के संज्ञान में लाकर एवं उन्हें निर्देशित कर इस फिल्म में से आपत्तिजनक दृश्यों, गीतों को हटाये जाने के निर्देश दें या फिर इस फिल्म के प्रसारण पर पूरे देश में रोक लगाने की कृपा करें, ताकि देश में किसी की भावनाओं को आहत करने के जारी प्रयासों पर रोक लगे व धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुॅंचाने वाले ऐसे फिल्म निर्माताओं को भविष्य के लिये सीख मिल सके।
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
खबरों के छपने का आधार भी हूँ।।
मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)