Madhya Pradesh drug bust : भोपाल के बाद अब झाबुआ में लगभग 168 करोड़ की एमडी ड्रग जब्त की गई है। इसके बाद एक बार फिर कांग्रेस ने मध्य प्रदेश सरकार पर ड्रग माफिया के सामने नतमस्तक होने का आरोप लगाया है। कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि बीजेपी सरकार नशे पर लगाम कसने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है और प्रदेश में युवा बुरी तरह नशे की चपेट में आ रहे हैं।
बता दें कि हाल ही में भोपाल के बाहरी इलाके में एक बड़ी एमडी (मेफेड्रोन) ड्रग फैक्ट्री पकड़ी गई थी जिसका बाज़ार मूल्य लगभग 1,814 करोड़ रुपये आंका गया है। यह कार्रवाई गुजरात एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) दिल्ली की संयुक्त टीम द्वारा की गई थी। ये फैक्ट्री बगरोदा इंडस्ट्रियल एस्टेट में स्थित थी जो हर रोज़ 25 किलो एमडी ड्रग्स का उत्पादन कर सकती थी। इसके बाद से ही कांग्रेस ड्रग्स और नशे को लेकर सरकार पर हमलावर है।
भोपाल के बाद अब झाबुआ में एमडी ड्रग्स जब्त
झाबुआ जिले में डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए मेघनगर के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक अवैध फैक्ट्री पर छापा मारा, जो प्रतिबंधित ड्रग मेफेड्रोन (एमडी) का निर्माण कर रही थी। इस छापेमारी में 36 किलो पाउडर एमडी और 76 किलो तरल एमडी जब्त की गई, जिसकी कुल कीमत लगभग 168 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह फैक्ट्री अवैध रूप से मेफेड्रोन के उत्पादन में लगी हुई थी और उसे तुरंत सील कर दिया गया। प्रारंभिक जांच के लिए जब्त किए गए ड्रग्स के सैंपल फॉरेंसिक लैब भेजे गए, जिन्होंने मेफेड्रोन की उपस्थिति की पुष्टि की। इस मामले में फैक्ट्री के निदेशक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
जीतू पटवारी ने मोहन सरकार पर लगाए आरोप
इससे पहले भी भोपाल में मेफेड्रोन से जुड़े मामले सामने आए थे और कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर लगातार सरकार को घेर रही है। एक बार फिर जीतू पटवारी ने सवाल उठाते हुए एक्स पर लिखा है कि ‘मध्य प्रदेश को ‘उड़ता प्रदेश’ बनाने में भाजपा सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही। झाबुआ में डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस द्वारा 168 करोड़ की एमडी ड्रग्स की जब्ती यह साफ़ दिखाती है कि प्रदेश की सरकार को ड्रग्स कारोबार की भनक तक नहीं रहती, जबकि बाहरी एजेंसियाँ लगातार प्रदेश में चल रहे ड्रग्स माफिया पर कार्रवाई कर रही हैं। मध्य प्रदेश सरकार पूरी तरह ड्रग्स माफिया के सामने नतमस्तक हो चुकी है। प्रदेश का युवा नशे की आग में जल रहा है और यह सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। भोपाल में 1800 करोड़ की ड्रग्स जब्ती के बाद भी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। क्या यह केवल प्रशासनिक विफलता है या सरकार की मिलीभगत? मुख्यमंत्री जी, आपकी सरकार क्यों प्रदेश के युवाओं का भविष्य अंधकार में डालने के लिए आमादा है?’ दो दिन पहले भी उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में आरोप लगाया था कि दो करोड़ का रोज़गार देने की बात करने वाले पीएम हर साल ढाई करोड़ नशेड़ी बना रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मध्यप्रदेश में बीजेपी के लोगों के बच्चे भी नशा कर रहे हैं और स्थिति ये हो गई है कि अजय विश्नोई सहित कई भाजपा नेता भी अब नशे को लेकर अपनी ही सरकार पर आरोप लगा रहे है लेकिन बीजेपी सरकार इस मामले में आंखें मूंदे बैठी है।
मध्य प्रदेश को ‘उड़ता प्रदेश’ बनाने में भाजपा सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही। झाबुआ में डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस द्वारा 168 करोड़ की एमडी ड्रग्स की जब्ती यह साफ़ दिखाती है कि प्रदेश की सरकार को ड्रग्स कारोबार की भनक तक नहीं रहती, जबकि बाहरी एजेंसियाँ लगातार प्रदेश में चल…
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) October 14, 2024