भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार को एक साल पूरा हो गया। कर्ज माफी के वादे पर सरकार बनाने वाली कांग्रेस सरकार अभी तक किसानों के अच्छे दिन लाने में संघर्ष कर रही है। मुख्यमंट मत्री कमलनाथ ने भले किसानों की कर्ज माफी की फाइल दस मिनट में साइन की थे लेकिन प्रदेश के लाखों किसानों के खाते में अभी तक कर्ज माफी की रकम नहीं पहुंची है। इसके अलावा मंदसौर गोलीकांड को लेकर भी कांग्रेस सरकार की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। किसान अपने इंसाफ के लिए इंतज़ार कर रहे हैं।
मंदसौर में किसानों के लिए कुछ भी नहीं बदला है। कोई जांच शुरू नहीं की गई है, किसानों के खिलाफ कोई मामला वापस नहीं लिया गया है। कर्जमाफी का वादा अधूरा रह गया है और सरकार बिचौलियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने या किसानों की आय बढ़ाने में विफल रही है। 6 जून 2017 को, मंदसौर में छह किसान पुलिस की गोलियों का शिकार हुए, जबकि वे तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान सरकार के खिलाफ अपनी फसलों की बेहतर कीमत की मांग कर रहे थे। इसके बाद, किसानों के आंदोलन ने पूरे राज्य को जकड़ लिया, विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और इस मुद्दे ने राष्ट्रीय सुर्खियां बटोर लीं। उत्तेजित किसानों को शांत करने के लिए, तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मृतक परिवार को 1 करोड़ रुपये देने की घोषणा की और दो दिन की भूख हड़ताल पर बैठे।
78 हज़ार किसानों का कर्ज हुआ माफ
राज्य के मालवा क्षेत्र में किसानों की संख्या सबसे अधिक है और पिछले कुछ वर्षों में कई किसानों के विरोध प्रदर्शन हुए हैं। मंदसौर जिले में इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कृषि मंडी (किसानों का बाजार) है, जो कृषि प्रधान क्षेत्र में इसे महत्वपूर्ण बनाता है। मंदसौर के जिला कलेक्टर, मनोज पुष्प के अनुसार, ऋण माफी के 1 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे। इसमें से 250 करोड़ रुपये की लागत से 50,000 रुपये से कम के लगभग 78,000 किसानों के ऋण माफ किए गए हैं। इस बीच, सीएम कमलनाथ ने नई दिल्ली में भारतीय महिला प्रेस क्लब में बोलते हुए कहा कि, “ऋण माफी का दूसरा चरण दिसंबर के तीसरे सप्ताह से शुरू होगा।”