राज्य सरकार की बड़ी तैयारी, इस नियम में होगा संशोधन, कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव, ऐसे मिलेगा लाभ

Pooja Khodani
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Madhya Pradesh Government : आगामी चुनाव से पहले मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार का हर वर्ग पर विशेष फोकस बना हुआ है, सीएम शिवराज सिंह चौहान खुद सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों पर पैनी नजर बनाए हुए है और अलग अलग जिलों में जाकर नए नए ऐलान कर रहे है। इसी कड़ी में अब राज्य सरकार सरकारी भूमि पर आवासहीनों को पट्टा देने के नियमों में संशोधन करने की तैयारी में है।

जल्द कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मध्य प्रदेश सरकार अब भू-माफिया और पट्टा माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए सरकारी भूमि पर आवासहीनों को पट्टा देने की तैयारी में है, इसके लिए जल्द नियमों में संशोधन किया जाएगा।  इसके लिए जल्द नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा कैबिनेट बैठक में एक प्रस्ताव लाया जाएगा।  इसके बाद सर्वे किया जाएगा, इसमें 31 दिसंबर, 2020 तक सरकारी भूमि पर काबिज लोगों का सर्वे शुरू हो जाएगा और फिर पट्टे देने की प्रक्रिया शुरू होगी।

ऐसे चलेगी पूरी प्रक्रिया

प्रस्ताव के तहत  सरकारी भूमि पर आवासहीनों को पट्टा देने के लिए सर्वे करवाया जाएगा, आधार नंबर सर्च किया जाएगा। इसमें यह भी देखा जाएगा कि संबंधित ने पहले पट्टा लिया है या नहीं,  यदि पट्टा लिया है, तो भूमि बेच तो नहीं दी। वही उन लोगों को पट्टा दिया जाएगा, जिन्होंने पहले कभी पट्टे की भूमि नहीं दी गई हो। ऐसे मामलों में विभाग संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करेगा। ऐसे लोगों से पूर्व में दिया गया पट्टा भी वापस लिया जा सकता है।

जल्द शुरू होगा सर्वे

बता दे कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में सरकारी भूमि पर 31 दिसंबर 2020 तक काबिज लोगों को आवासीय पट्टे देने की घोषणा की थी लेकिन फिर नगरीय निकायों में सरकारी भूमि पर कब्जे होने लगे है, जिसे देखते हुए शिवराज सरकार ने फिर से पट्टा देने की तैयारी की है। इसमें 31 दिसंबर 2020 तक सरकारी भूमि पर काबिज लोगों का सर्वे शुरू हो जाएगा। खास बात ये है कि वर्ष 2020 के लिए किए जाने वाले सर्वे में नए प्रविधान जोड़े जा रहे हैं इससे पहले सरकार ने 31 दिसंबर 2014 तक सरकारी भूमि पर काबिज होने वालों को पट्टे दिए थे।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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