मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने ब्लैक फंगस को लेकर स्वास्थ्य विभाग से मांगा जवाब, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने आयोग को लिखा था पत्र

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जबलपुर, संदीप कुमार। वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा (Rajya Sabha MP Vivek Tankha) ने मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग (Madhya Pradesh Human Rights Commission) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन को 17 मई को एक याचिका पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने बताया था कि वर्तमान में कोविड-19 महामारी (Covid-19) के साथ अब म्युकरमाइकोसिस-ब्लैक फंगस (Mucarmycosis-black fungus) बीमारी के मामले सामने आने लगे है, इसमें इंदौर, भोपाल और जबलपुर जैसे शहरों में बड़ी संख्या में मरीजों की मृत्यु हो रही है। इस बीमारी का मृत्यु दर 55 प्रतिशत तक हो चुका है, याचिका पत्र पर मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य से 28 मई तक प्रतिवेदन मांगा है।

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राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने अपने याचिका पत्र में लिखा था कि इस बीमारी की दवा बाजारों में आसानी से उपलब्ध नहीं हो रही है। प्रशासनिक व्यवस्थाओं में भी कमी होने के कारण अस्पतालों में डाक्टरों, नर्सों, आक्सीजन, वेंटिलेटर व दवाईयों की कमी की आड़ में नकली दवाओं की सप्लाई की जा रही है। जिससे कि मरीजों की मौते भी लगातार हो रही हैं और यह पता नहीं चल रहा है कि मौतें बीमारी से हुई हैं या नकली दवाओं से। इतना ही नहीं अस्पतालों में बिस्तर कम पड़ रहे हैं और नकली दवाओं की तस्करी चरम पर होकर सही दवा मरीजों की पहुंच से दूर और शासकीय एवं निजी क्षेत्र के मरीजों के सही आंकड़े उपलब्ध नहीं हो रहे हैं।

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राज्यसभा सांसद ने पत्र में लिखा था कि जिलों के कलेक्टर्स एवं शासकीय व निजी क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों से प्रतिदिन व समय-समय पर रिपोर्ट मांग कर आप कोरोना, ब्लेक फंगस व अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों को सही दवाईयां और समुचित इलाज हेतु दिशा-निर्देश दे।

आयोग ने 28 मई तक मांगा प्रतिवेदन

आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने याचिका में उल्लेख किए गए सभी बिंदुओं पर संज्ञान लेकर मुख्य सचिव, म.प्र. शासन तथा अपर मुख्य सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मंत्रालय भोपाल से 28 मई 2021 तक प्रतिवेदन मांगा है।

आयोग ने राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के याचिका पत्र पर मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने 6 बिंदुओं पर जवाब मांगा है:-

  • दिनांक 09 मई 21 से 18 मई 21 तक की अवधि में प्रतिदिन जिलावार कोरोना महामारी एवं म्युकरमाइकोसिस-ब्लेक फंगस बीमारी के कितने मरीज पाये गये एवं इलाज/दवाई/इंजेक्शन के अभाव में कितने मरीजों की मृत्यु हुई।
  • इन बीमारियों के उपयोग में आने वाली दवाईयों एवं इंजेक्शन की उपलब्धता मरीजों को सुनिश्चित हो, इस हेतु क्या प्रयास किये गये हैं।
  • इन बीमारियों की उपयोग में आने वाली दवाईयों/इंजेक्शन की कालाबाजारी के संबंध में कितनी प्रथम सूचना रिपोर्ट, किन धाराओं में दर्ज की गयी एवं कितने व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गयी।
  • इन दवाईयों/इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने हेतु क्या-क्या उपाय किये गये एवं किये जा रहे हैं।
  • हर जिले में ऐसी महामारी/बीमारी के लिये सरकारी एवं निजी अस्पतालों में कितने बेड उपलब्ध हैं एवं यदि किसी जिले में मरीजों की तुलना में बेड कम हैं, तो किन अन्य साधनों से ऐसे अतिरिक्त मरीजों का इलाज किया गया/ किया जा रहा है।
    कोरोना महामारी की यदि तीसरी लहर आती है, तो उसके संबंध में क्या व्यवस्थाएं की जा रही है?

मूख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य के अलावा मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने इन 06 बिंदुओं में मध्यप्रदेश के सभी संभागों के संभागायुक्तों से भी अलग से जिलेवार जानकारी 28 मई 2021 तक मांगी है।


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Prashant Chourdia

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