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Mon, Dec 22, 2025

मप्र कैडर की इस महिला आईपीएस अफसर को मिल सकती है सीबीआई चीफ की कमान

Written by:Mp Breaking News
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मप्र कैडर की इस महिला आईपीएस अफसर को मिल सकती है सीबीआई चीफ की कमान

भोपाल।

इन दिनों देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआई अपने बुरे दौर से गुजर रही है।वर्तमान में सीबीआई के पास कोई डायरेक्टर नहीं हैं, जिसके भ्रष्टाचार के मामलों पर पूरी तरह से रोक नही लग पा रही है, हालांकि इसके लिए गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक होना है, जिसमें सीबीआई के डायरेक्टर के नाम पर मुहर लग सकती है।लेकिन बैठक से पहले एमपी काडर की 1983 बैज की आईपीएस अफसर रीना मित्रा का नाम सबसे आगे चल रहा है। खबर है कि रीना को सीबीआई प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।अगर ऐसा होता है तो रीना देश की पहली महिला सीबीआई डायरेक्टर होंगी। इसके अलावा 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी जेके शर्मा और परमिंदर राय का नाम भी इस दौड़ मे शामिल है।

दरअसल, रीना मित्रा 1983 बैच मध्यप्रदेश कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं। रीना अभी गृह मंत्रालय में स्पेशल सेक्रेटरी (आंतरिक सुरक्षा) के पद पर तैनात हैं। उन्होंने 5 साल तक सीबीआई में काम किया है। गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) रीना मित्रा भी दौड़ में शामिल हैं। मध्य प्रदेश राज्य विजिलेंस ब्यूरो में रीना मित्रा ने लंबे कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई गंभीर भ्रष्टाचार के मामलों को संभाला है। इसके अलावा वह वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो की भी प्रमुख रही हैं। यह संस्था संगठित वाइल्डलाइफ अपराध से निपटने का काम करती है।जिसके चलते कयास लगाए जा रहे है कि समिति रीना मित्रा को यह कमान सौंप सकती है। वही रीना के अलावा 1982 बैच के दो अफसर जे के शर्मा और परमिंदर सिंह का नाम भी चर्चा में है। सीबीआई प्रमुख का चयन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कमेटी 24 जनवरी को हो सकती है।इस महत्वपूर्ण कमेटी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा दो अन्य सदस्यों के रूप में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल होंगे।  अगर रीना चुनी जाती हैं तो वो देश की पहली महिला सीबीआई प्रमुख होंगी।

आलोक वर्मा को हटाने से खाली है पद

सीबीआई प्रमुख का पद आलोक वर्मा को पद से हटाए जाने के बाद से खाली है। विवादों के चलते 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी को 10 जनवरी को सीबीआई से हटाकर दूसरे विभाग में भेजा गया था।  हालांकि बाद में अलो वर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।